कैसा है बाजार का वैल्युएशन

जब बाजार ऊपर की ओर बढ़ता है और वैल्युएशन महंगे हो जाते हैं, तो ऐसे वैल्यू फंड्स कुछ कैश कॉल करते हैं, क्योंकि निवेश-योग्य विचार काफी मुश्किल से आते हैं। वैल्यू फंड ‘हाट सेक्टर’ या फिर बाजार की कल्पनाओं के पीछे नहीं भागते हैं क्योंकि ये ज्यादातर महंगे होते हैं और वैल्यू की कार्ययोजना में फिट नहीं बैठते। एक बात जरूर है कि यदि बाजार अपनी गति जारी रखते हैं, तो अल्प अवधि में ये फंड रिटर्न कम कर देते हैं।
अमेरिकी शेयर बाजार में कदम रखेगी Flipkart, जानिए कब तक आएगा IPO
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक Flipkart ने आंतरिक रूप से अपने IPO की वैल्युएशन को लगभग एक तिहाई बढ़ाकर 60-70 बिलियन डॉलर कर दिया है.
Walmart के मालिकाना हक में आ चुकी भारतीय E-commerce फर्म Flipkart अपना IPO लॉन्च (Flipkart IPO Launche) करने जा रही है. दिलचस्प बात यह है कि, इस IPO के जरिए Flipkart साल 2023 तक अमेरिकी शेयर मार्केट कैसा है बाजार का वैल्युएशन में लिस्टिंग की योजना बना रही है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक Flipkart ने आंतरिक रूप से अपने IPO की वैल्युएशन को लगभग एक तिहाई बढ़ाकर कैसा है बाजार का वैल्युएशन 60-70 बिलियन डॉलर कर दिया है. भारत के ई-कॉमर्स मार्केट में Amazon को टक्कर दे रही Flipkart के IPO की वैल्युएशन पहले 50 बिलियन डॉलर की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी अपने दो नए बिजनेस ऑनलाइन हेल्थ सर्विसेज और यात्रा बुकिंग पर ध्यान दे रही है, जिस वजह से IPO आने में देरी हो लही है. इसके अलावा Russia-Ukraine War की वजह से वैश्विक बाजार में उथल-पुथल से भी Flipkart अपने IPO लॉन्चिंग को टाल रहा है.
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Paytm के वैल्युएशन पर सवाल! देश के सबसे बड़े IPO में क्या करना चाहिए निवेश? एक्सपर्ट से जानें
- नई दिल्ली ,
- 08 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 08 नवंबर 2021, 2:59 PM IST)
- पेेटीएम का IPO निवेश के लिए खुला
- प्राइस बैंड 2080 से 2150 रुपये
Paytm largest IPO of India: डिजिटल पेमेंट कंपनी Paytm को चलाने वाली फिनटेक स्टार्टअप कंपनी One97 Communications Ltd का आईपीओ आज यानी 8 नवंबर को निवेश के लिए खुल गया है. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. कंपनी इससे करीब 18,300 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है.
सबसे बड़ा सवाल, क्या मंदी की गिरफ्त में आ गए हैं भारतीय शेयर बाजार?
Updated on: Mar 30, 2022 | 4:54 PM
शेयर बाजार (Share Market) के निवेशकों के मन में इस वक्त सबसे बड़ा सवाल क्या है? यही कि क्या भारतीय शेयर बाजार मंदी की गिरफ्त में आ गए हैं? क्या विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से बुल रन का दम फूलने लगा है? या बाजार की गिरावट केवल एक हेल्थी करेक्शन यानी अगली तेजी से पहले की मुनाफावसूली है. बाजार की तस्वीर आपको कैसी नजर आएगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप बाजार को किस तरफ से देख रहे हैं. मसनल, अगर आपके पोर्टफोलियो में HDFC लाइफ इंश्योरेंस, हिंदुस्तान यूनीलीवर, ब्रिटेनिया, कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) जैसी दिग्गज कंपनियां हैं तो आपको बाजार मंदा नजर आ सकता है. क्योंकि ये सभी कंपनियां अपने उच्चतम स्तर से 20 फीसद से ज्यादा टूट चुकी हैं. मंदी की परिभाषा यही है, जो अपने हाई से 20 फीसद टूटा वो मंदी वाले भालुओं की चपेट में है. निफ्टी 50 की 13 कंपनियों का यही हाल है.
गिरावट की वजह
यानी निफ्टी सेंसेक्स अभी मंदी की गिरावट में नहीं, आपके पोर्टफोलियो के स्टॉक भले हो सकते हैं. दरअसल, शेयरों में गिरावट के पीछे कोई एक वजह नहीं हैं. कुछ कंपनियों में कार्पोरेट गवर्नेंस की वजह से निवेशकों ने बिकवाली की है तो कुछ के महंगे वैल्युएशन उनपर भारी पड़े हैं. कमोडिटीज के बढ़े दाम, क्रूड ऑयल की महंगाई ने भी निवेशकों को कई कंपनियों से कैसा है बाजार का वैल्युएशन पैसा निकालने के लिए मजबूर किया है. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का सिलसिला शुरू होते ही विदेशी निवेशकों ने भी भारी बिकवाली की है. बीते 3 महीने में विदेशी निवेशक बाजार से 1.11 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश निकाल चुके हैं.
अब समझिए सबसे जरूरी बात कि बियर मार्केट की गिरफ्त से ये कंपनियां बाहर कब आएंगी? बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि अगली तिमाही कंपनियों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगी. केआर चौकसी शेयर्स एंड सिक्योरिटीज के मैनेजिंग डायरेक्टर देवेन चौकसी बताते हैं. अभी तक कंपनियां पहले से कम कीमत पर खरीदे कच्चे माल का इस्तेमाल कर रहीं थी, लेकिन अब महंगे कच्चे माल को खरीदकर उत्पाद तैयार करने होंगे. इससे उनके प्रॉफिट मार्जिन प्रभावित होंगे. क्योंकि कंपनियां एक सीमा तक ही उत्पादों के दाम बढ़ाकर बढ़ी कीमतों को ग्राहकों तक पहुंचा सकती हैं. ऐसे में कंपनियों के लिए अप्रैल-जून तिमाही में चुनौती बढ़ जाएगी.
बाजार की गिरावट है पैसा बनाने का मौका: सही रणनीति अपनाकर आप भी कमा सकते हैं मुनाफा, एक्सपर्ट से जानें ऐसे में क्या करें
बाजार आज 1190 पॉइंट्स गिरा है। ये गिरावट आपके लिए पैसा कमाने का मौका हो सकता है। सही स्ट्रैटेजी आपको अच्छा पैसा कमा के दे सकती है। इस समय निवेशक की क्या स्ट्रैटेजी रहनी चाहिए ये जानने के लिए हमने 2 एक्सपर्ट- से बात की। आइए जानते हैं कि कैसे आप बाजार की गिरावट में पैसा कमाने का प्लान बना सकते हैं.
अनुशासन बनाए रखें
अरिहंत कैपिटल के वेल्थ हेड अभिषेक भट्ट कहते हैं कि पोर्टफोलियो में नाटकीय रूप से बदलाव करते रहने से जोखिम बढ़ता है। ऐसी आदत लंबी अवधि के लक्ष्यों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। बेहतर होगा कि बाजार में फौरी उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करें और अनुशासन बनाए रखें। यदि पोर्टफोलियो में बदलाव जरूरी लगे तो छोटे-छोटे बदलाव करें।
Media Articles
समय भास्कर मुंबई । वैल्यू इन्वेस्टिंग का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकता है। वैल्यू की कैसा है बाजार का वैल्युएशन माप देखने वाले की आंख में होती है। हो सकता है कि किसी एक व्यक्ति के लिए जो वैल्यू है, जरूरी नहीं कि दूसरे व्यक्ति के कैसा है बाजार का वैल्युएशन लिए भी वही समान वैल्यू हो।
संक्षेप में, वैल्यू इन्वेस्टिंग निवेश का वह स्टाईल है, जिसमें निवेशक एक स्टाॅक इसके अंतर्निहित मूल्य से काफी अच्छी छूट पर कैसा है बाजार का वैल्युएशन खरीदता है। निवेशक ये स्टॉक खरीदते वक्त ‘सुरक्षा का मार्जिन’ चाहते हैं। यह स्टॉक के बाजार मूल्य और अंतर्निंहित मूल्य के बीच के अंतर के बराबर होता है।
बाजार दो चरम स्थितियों में बीच उतार-चढ़ाव करता रहता है। उदाहरण के लिए लापरवाह विकास के चलते स्टॉक प्रतिकूल हो सकते हैं। लेकिन बाजार में घबराहट के चलते नीचे गिरने की प्रकृति के कारण कीमतें अनापेक्षित स्तर तक नीचे जा सकती हैं। इस स्थिति में वैल्यू इन्वेस्टर के लिए अवसर के द्वार खुल जाते हैं, क्योंकि अब निहित मूल्य स्टॉक के मूल्य से बेहतर हो सकता है। इससे काफी कम कीमतों में खरीदी करने का अवसर मिलता है।