बेयर मार्केट क्या है?

Share Market Update: 7 साल में पहली बार शेयर मार्केट्स के रिटर्न रह सकते हैं निगेटिव, जानिए क्यों हो रहा है बाजार में घाटा?
Stock Market बेयर मार्केट क्या है? Negative Return: देश में रिजर्व बैंक की तरफ से बढ़ती ब्याज दरों और घटती ग्लोबल ग्रोथ के आसार के कारण बाजार शेयर बाजार के इस साल की भारी गिरावट से जल्दी उबरने की उम्मीद काफी कम है.
By: ABP Live | Updated at : 26 May 2022 09:33 AM (IST)
Negative Return in Stock Market: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की तरफ से भारी बिकवाली, वैश्विक घटनाक्रम, बढ़ती महंगाई (Inflation) और ब्याज दरें (Interest Rates) आदि कारणों का असर भारतीय शेयर मार्केट (Share Market) पर भी पड़ रहा है. दुनिया के अन्य देशों की तरह भारतीय बाजार में भी अनिश्चितता का माहौल है. इस बीच एक पोल के नतीजे भारतीय शेयर मार्केट्स के लिए एक और बुरी खबर लेकर आया है. रॉयटर्स की ओर से हाल में कराए गए पोल से यह तथ्य निकलकर आया है कि भारतीय इक्विटी मार्केट में 7 सालों में पहली बार इस साल सालाना रिटर्न निगेटिव देखने को मिल सकता है.
पोल के नतीजों के हिसाब से बढ़ती ब्याज दरों और घटती ग्लोबल ग्रोथ की आशंका से बाजार के इस साल भारी गिरावट से तेजी से उबरने की उम्मीद बेहद कम है. भारत सहित पूरी दुनिया में बढ़ती महंगाई, यूक्रेन संकट, सप्लाई चेन में आई दिक्कतें आदि ऐसी वजहें हैं, जिन्होंने दुनिया के तमाम हिस्सों में इकोनॉमी और बाजार का खेल बिगाड़ दिया है.
महंगाई पर लगाम के लिए सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, जिस कारण मंदी का खतरा पैदा हो गया है. इस वजह से निवेशक इस समय जोखिम वाले निवेश से बाहर निकल रहे हैं.
भारतीय बजारों में क्या बेहतर?
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भारत के बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) की बात करें, तो यह इस साल अब तक 7 प्रतिशत लुढ़क चुका है. वहीं, इस साल 18 जनवरी के 61475.15 अंकों की हाई से सेंसेक्स अब तक करीब 12 प्रतिशत टूट चुका है. वर्तमान हालात में इस बात की उम्मीद नजर नहीं आ रही है कि सेंसेक्स जल्द फिर एक बार अपने जनवरी के हाई को छू पाएगा. हालांकि, भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से अभी भी बेहतर दिख रहा है.
MSCI में 16 फीसदी गिरावट
एमएससीआई (MSCI) जैसा वर्ल्ड इंडेक्स इस साल अब तक 16 फीसदी से अधिक टूट चुका है. यही नहीं, इसी महीने की शुरुआत में यह इंडेक्स बेयर मार्केट जोन के काफी करीब आ गया था. आपको बता दें कि जब कोई इंडेक्स 20 प्रतिशत तक टूट जाता है, तो माना जाता है कि वह बेयर मार्केट में प्रवेश कर चुका है.
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Published at : 26 May 2022 09:32 AM (IST) Tags: Money Share Market Investment हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
"बुल एंड बेयर" शब्द किससे संबंधित हैं?
Key Points
"बुल एंड बेयर" शब्द स्टॉक मार्केट से संबंधित है।
ये वह सटोरिया है जो किसी कंपनी के शेयरों के निकट भविष्य में भाव बढ़ने की उम्मीद के साथ उनको खरीदता है, ताकि वह उन्हें बाद में ऊंची कीमत पर बेचकर मुनाफा कमा सके।
ये वह सटोरिये होते हैं जो इसकी उलट प्रक्रिया से मुनाफ़ा कमाने की उम्मीद रखते हैं, और किसी कंपनी के शेयर, उनके निकट भविष्य में भाव गिरने की आशंका में बेचते हैं और फिर गिरे हुए भाव में ख़रीदते हैं।
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Last updated on Nov 4, 2022
SSC CHSL 2022 notification will be released on 6th December 2022. Earlier, the notification was scheduled to be released on 5th November 2022. Candidates can log in to their profiles and check individual marks between 26th November 2022 to 16th November 2022. The SSC is going to release the SSC CHSL notification on 6th December 2022 as declared by SSC. Candidates who have completed Higher Secondary (10+2) can appear for this exam for recruitment to various posts like Postal Assistant, Lower Divisional Clerks, Court Clerk, Sorting Assistants, Data Entry Operators, etc. The SSC Selection Process consists of Computer Based Exam, Descriptive Test and Typing/Skill Test. Recently, the board has released the SSC CHSL Skill Test Result for the 2020 cycle. The candidates who are qualified are eligible to attend the document verification.
शेयर बाजार में अगले हफ्ते गिरावट जारी रहेगी या लौटेगी तेजी? जानिए, क्या कह रहे हैं मार्केट एक्सपर्ट
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि मंथली डेरिवेटिव एक्सपायरी के चलते इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है। इसके साथ ही वैश्विक रुझानों के साथ-साथ कंपनियों के तिमाही नतीजें बाजार को प्रभावित करेंगे।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 24, 2022 17:10 IST
Photo:FILE
Highlights
- मंथली डेरिवेटिव एक्सपायरी के चलते उतार-चढ़ाव रहने की संभावना
- एचडीएफसी लाइफ, बजाज ऑटो, अंबुजा सीमेंट, एक्सिस बैंक के नतीजे आएंगे
- विदेशी निवेशकों की चाल पर भी बाजार की दिशा तय होगी
नई दिल्ली। बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अंतिम कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को सेंसेक्स 714 अंक गिरकर बंद हुआ। ऐसे में सोमवार से शुरू हो रहे कोराबारी सप्ताह में बाजार की चाल कैसी रहेगी इसको लेकर निवेशकों में उहापोह की स्थिति हैं। अगर, आप भी बाजार की चाल को लेकर सशंकित हैं तो हम विशेषज्ञों की राय के हवाले से आपको बता रहे हैं कि सोमवार से शेयर बाजार की चाल कैसी रह सकती है। आइए, जानते हैं कि अगले हफ्ते बाजार की चाल को लेकर विशेषज्ञों का क्या कहना है?
मंथली एक्सपायरी के चलते उथल-पुथल की संभावना
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि मंथली डेरिवेटिव एक्सपायरी के चलते इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है। इसके साथ ही वैश्विक रुझानों के साथ-साथ कंपनियों के तिमाही नतीजें बाजार को प्रभावित करेंगे। विदेशी निवेशकों के रुझान पर भी नजर रखेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद सोमवार से बाजार की शुरुआत कमजोर हो सकती है। यानी बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है।
कंपनियों के नतीजे पर बहुत कुछ निर्भर
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के अनुसंधान प्रमुख, बेयर मार्केट क्या है? संतोष मीणा ने कहा कि बाजार सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक के परिणामों पर प्रतिक्रिया देगा जबकि एचडीएफसी लाइफ, बजाज ऑटो, एचयूएल, अंबुजा सीमेंट, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, वेदांत, इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकी, अल्ट्राटेक सीमेंट और विप्रो के नतीजे अगले सप्ताह आएंगे। ये भी बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे। अगर, कंपनियों के नतीजे बेहतर रहें तो बाजार में तेजी देखने को मिलेगी अन्यथा बाजार में कमजोरी आ सकती है। मीणा ने कहा कि एफआईआई भारतीय इक्विटी बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं और अमेरिका में आक्रामक दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच उनकी चाल भारतीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा।
वैश्विक बाजार की चाल का भी असर होगा
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली और कुछ दिग्गजों के कमजोर नतीजों ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान, बढ़ती महंगाई और बॉन्ड प्रतिफल, धीमी आर्थिक विकास, यूक्रेन में लंबे समय तक युद्ध और अस्थिर कच्चे तेल की कीमतें बाजारों पर नकारात्मक असर डालेंगे।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक, मिलिंद मुछला ने कहा कि निवेशक बाजार में आने वाले तिमाही नतीजों की घोषणा का इंतजार करेंगे। ऐसे में छोटे निवेशकों को अभी वेट एंड वाच करना चाहिए। बाजार गिरने पर निवेश करने से बचना चाहिए। मुछला ने कहा, इसके अलावा, भू-राजनीतिक स्थिति और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के कारण बढ़ी हुई कमोडिटी की कीमतों की आसन्न चिंताओं और यूएस फेड द्वारा कठोर बढ़ोतरी की बढ़ती उम्मीदों के साथ, बाजार में निकट अवधि में बड़ा उतार-चढ़ाव देखी जा सकती है। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन संकट पर अपडेट जैसे वैश्विक संकेत, और चीन की COVID स्थिति भी निवेशकों के रडार पर रहेगी।
गिरते शेयर बाजार में आप भी कर सकते है इन्वेस्ट? जानिए Bear Market में पैसे कमाने का तरीका
How to Invest in Bear Market?: शेयर मार्केट में अधिकांश निवेशकों के लिए गिरते बाजारों को अक्सर सबसे खराब स्थिति के रूप में देखा जाता है। हालांकि सही ज्ञान के साथ Bear Market में भी पैसा बना सकते है। यहां जानिए Bear Market में पैसे कमाने का तरीका।
How to earn money in Bear Market: शेयर मार्केट में निवेश करना केवल डीमैट एकाउंट खोलने और ट्रेडिंग एकाउंट खोलने से कहीं अधिक है। शेयर मार्केट से जुड़ा एक सामान्य कारक अस्थिरता है, जहां शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, कभी ऊपर की ओर तो कभी नीचे की ओर। इसलिए, शेयर मार्केट में निवेशकों को गिरते बाजार के लिए तैयार रहना चाहिए। एक गिरते बाजार जिसे एक Bear Market के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग उस वित्तीय बाजार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो वर्तमान में नीचे की ओर है।
शेयर मार्केट में अधिकांश निवेशकों के लिए गिरते बाजारों को अक्सर सबसे खराब स्थिति के रूप में देखा जाता है। हालांकि, गिरते बाजारों के लिए एक और परिप्रेक्ष्य है जिससे उन्हें नए निवेश के लिए एक आदर्श अवसर भी माना जाता है। एक Bear Market में व्यापार के लिए धैर्य, रिसर्च और सबसे महत्वपूर्ण बात, मार्केट नॉलेज की सही मात्रा की आवश्यकता होती है। गिरते बाजार के दौरान सही निवेश करने में आपकी सहायता करने के लिए, यहां कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।
1) पूरी तरह से रिसर्च करें
जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं, उसके फंडामेंटल पर रिसर्च करना हमेशा जरूरी होता है। लेकिन जब बाजार विशेष रूप से मंदी की प्रवृत्ति में होता है, तो यह रिसर्च और जरूरी हो जाता है। एक बार जब आप स्टॉक की अपनी पसंद को कम कर लेते हैं, तो इसके मैनेजमेंट, बिजनेस आउटलुक और समग्र वित्तीय प्रदर्शन पर पर्याप्त समय और प्रयास खर्च करना बुद्धिमानी है।
आमतौर पर, हाई ग्रोथ वाली कंपनियों को अनुकूल निवेश माना जाता है। हालांकि एक Bear Market के दौरान, आमतौर पर लो ग्रोथ वाली कई कंपनियां अपने अच्छे तिमाही प्रदर्शन के आधार पर वृद्धि देख सकती हैं। फंडामेंटल एनालिसिस के साथ-साथ रिसर्च करने से इक्विटी के नए अवसर सामने आ सकते हैं।
2) 'Buy Low Sell High' सलाह पर ध्यान दें
शेयर की कीमत गिरने पर शेयर खरीदने और कीमत बढ़ने पर उन्हें बेचने का शेयर बाजार सिद्धांत एक Bear Market के लिए भी सही है। सामान्य परिस्थितियों में, स्टॉक की कीमतों में गिरावट का मतलब कई चीजें हो सकता है, जैसे कि कंपनी के फंडामेंटल में गिरावट या बाजार की भावना खराब होना।
हालांकि, मंदी की प्रवृत्ति के दौरान निवेशक औसत खरीद मूल्य से नीचे अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों के साथ उच्च मूल्यांकन वाली कंपनियों को भी खरीद सकते हैं। यह अंडरवैल्यूड स्टॉक खरीदने और महत्वपूर्ण लाभ अर्जित करने के अनूठे अवसर प्रदान कर सकता है।
3) Margin of Safety को महत्व दें
जो निवेशक अपने बाजार जोखिम को कम करने के लिए महत्व रखते हैं, वे Margin of Safety या MOS की अवधारणा पर बहुत महत्व रखते हैं। Margin of Safety अनिवार्य रूप से एक शेयर के बाजार मूल्य और उसके वास्तविक, आंतरिक मूल्य के निवेशक के अनुमान के बीच का अंतर है।
आप अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार अपनी Margin of Safety निर्धारित कर सकते हैं। विशेष रूप से MOS गिरते बाजार के दौरान एक स्टॉक और दूसरे के बीच अंतर के बिंदु के रूप में काम कर सकता है। यह आपको यह जानने के लिए कुछ सहजता प्रदान कर सकता है कि आप मंदी की प्रवृत्ति के दौरान भी अपने निवेश के लिए सुरक्षा का एक आरामदायक मार्जिन बनाए रख रहे हैं। जिससे भारी नुकसान की संभावना को भारी अंतर से कम किया जा सके।
4.धैर्य रखें और अपनी प्रवृत्ति का पालन करें
एक Bear Market के दौरान शेयरों की कीमतों में तेजी से गिरावट आ सकती है और निवेशक घबरा सकते हैं और अपने शेयरों को अपने नुकसान को और कम करने के लिए बेच सकते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि आपके दोस्त और रिश्तेदार आपको बेचैन कर रहे हों और आपको ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हों। हालांकि, ध्यान रखें कि हर निवेश पोर्टफोलियो अलग होता है।
इसके बजाय, धैर्य रखने की सलाह दी जाती है, अपने निवेश के मूल सिद्धांतों पर गहरी नजर रखें और आवश्यकतानुसार कार्य करें। अगर आप अपने निवेश को लंबी अवधि के लिए रखने की योजना बना रहे हैं, तो डाउनट्रेंड के कम होने तक उन पर पकड़ बनाए रखना अधिक विवेकपूर्ण हो सकता है। यह एक सामान्य सिद्धांत है कि लंबे समय में अच्छे स्टॉक अक्सर मंदी के बाजार से निकलते हैं, और धैर्य रखने से आप लंबी अवधि में लाभदायक बने रह सकते हैं।
बाजार खुलने से पहले जानिए क्या हो सकता है आज शेयर मार्केट का रुख
शेयर बाजार में गिरावट की वजह और आगे बाजार पर इसका असर
बाजार में जाने से पहले जान लीजिए कौन सी चीजें प्रभावित कर सकती हैं. बाजार का रुख. देख लीजिए किस शेयर के लिए क्या है संकेत. पता कर लीजिए वो कौन सी चीजें हैं, जिनपर बुल और बेयर का मूड निर्भर कर सकता है. क्विंट हिंदी रोज आपको बताता है वो चीजें जो आपको बाजार खुलने से पहले पता होनी चाहिए.
शेयर बाजार शुक्रवार को अपने 6 दिनों के डाउनट्रेंड से उबरते हुए हरे में बंद हुआ था. सभी सेक्टरों में उछाल के बीच महत्वपूर्ण इंडेक्स निफ्टी 50 और सेंसेक्स ने करीब सवा दो प्रतिशत की छलाँग लगाई, लेकिन वीकली चार्ट के आधार पर देखे तो बीता हफ्ता निवेशकों के लिए काफी अच्छा नहीं रहा. शुक्रवार को त्योहारों के पहले सरकार से पैकेज की उम्मीदों के दम पर बाजार में बढ़ोतरी देखी गई थी जिससे कि सोमवार का बेयर मार्केट क्या है? ट्रेड महत्वपूर्ण हो जाता है. मजबूत संकेतों के आभाव और बाजार में थोड़ी बढ़ोतरी के बाद फिर बिकवाली की संभावनाओं के बीच निवेशकों को अभी और सावधान रहना चाहिए.
मोटे तौर पर भारतीय बाजार के लिए शुरुआती संकेत देने वाला सिंगापुर का एसजीएक्स निफ्टी आज सुबह 7:15 बजे 0.72% की उछाल के बाद 11114.00 पर व्यापार कर रहा था. जानकारों के मुताबिक 11000 के स्तर से उछाल मनोवैज्ञानिक तौर पर बाजार के लिए अच्छा काम कर सकता है, लेकिनअनिश्चितताओं के कारण थोड़े करेक्शन के बाद 10,800 की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
विदेशी बाजार में क्या हो रहा है?
- एशिया में दक्षिण कोरिया, जापान, हॉगकॉन्ग के बाजारों में पॉजिटिव शुरूआत दिख रही है. चीन का बाजार भी आज सुबह बढ़त में है.
- यूएस का डॉ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज शुक्रवार के व्यापार में उछाल के साथ बंद हुआ. बाजार बंद होने के समय यह इंडेक्स 1.34% यानी करीब 358 पॉइंट्स ऊपर था. नैस्डेक कम्पोजिट में यह बदलाव +2.26% का देखा गया. इस बढ़ोतरी का प्रमुख कारण टेक सेक्टर के स्टॉक्स रहे.
- मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक पिवोट चार्ट्स के आधार पर निफ्टी 50 के लिए पहले 10912.46 और फिर 10774.73 महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर है, जिससे नीचे जाने के बाद बाजार और करेक्शन देख सकता है. इसी तरह 11130.26 और 11210.33 के रेजिस्टेंस लेवल पर नजर रखा जाना चाहिए, जिससे ऊपर पहुँचने के बाद मार्केट को और उछाल मिल सकती है.
- वोलटॅलिटी इंडेक्स (VIX) आखिरी शुक्रवार के दिन -12.08% की जबरदस्त गिरावट के बाद 20.67 पर रहा, जो की बाजार के वोलटॅलिटी में सुधार की स्थिति के सन्देश देता है. अगर यह इंडेक्स यहाँ से इसी स्तर या इसके थोड़ा नीचे रहता है तो बाजार में बुल्स अपनी पकड़ बना सकते है.
बाजार की इनपर भी रहेगी नजर
रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) बेयर मार्केट क्या है? ने शुक्रवार को भारत के लॉन्ग टर्म रेटिंग अनुमानों को स्थिर (stable) बताया है. एजेंसी ने साथ ही भारत के लिए अपने लॉन्ग टर्म सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को पहले की तरह BBB- पर बरकरार रखा. एस एंड पी ने साथ ही कहा कि आर्थिक सुधार ही भारत के इकॉनॉमिक स्लोडाउन से उबरने की रूप रेखा तय करेंगे.
जून-अगस्त तक तीन महीने नेट बायर (buyer) रहने के बाद सितंबर माह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने नेट आधार पर 476 करोड़ निकाले. विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ते हुए कोरोना प्रकोप के बीच आर्थिक मोर्चे पर रहने वाली अनिश्चितता इसका प्रमुख कारण है. ईटी के आर्टिकल के अनुसार ऐसे निवेशकों ने 1 से 25 सितम्बर के बीच इक्विटी से कुल 4016 करोड़ रूपये निकले, जबकि डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में 3540 करोड़ डाले गए. इस तरह बाजार से 476 करोड़ का नेट ऑउटफ्लो देखा गया.
25 सितम्बर को हुए लक्ष्मी विलास बैंक की एजीएम (AGM) में बैंक के बोर्ड में 7 डायरेक्टर्स की नियुक्ति के खिलाफ वोटिंग हुई. इन सात डायरेक्टर में मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के तौर पर नियुक्ति के लिए एस सुन्दर और प्रमोटर्स केआर प्रदीप तथा एन साईप्रसाद भी शामिल है.
इन स्टॉक्स पर होगी नजर-
- हीरो मोटो कॉर्प (Hero Moto Corp)- इकॉनोमिक टाइम्स में छपी रायटर्स की एक खबर के मुताबिक भारत में अपना उत्पादन रोकने के बाद हारले डैविडसन यहाँ अपने मोटर साइकिलों की बिक्री के लिए हीरो मोटो कॉर्प से बातचीत के आखिरी चरणों में है.
- नालको (NALCO)- कंपनी ने सीपी (Calcined Petroleum) कोक के लॉन्ग टर्म सप्लाई के लिए नुमालीगढ़ रिफाइनरी के साथ एमओयू (MoU) पत्र पर हस्ताक्षर किया.
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI)- बैंक ने 255 करोड़ जुटाने के बाद बेयर मार्केट क्या है? अपने क्यूपीआई (क्वालिफाइड इंस्टीटूशनल प्लेसमेंट) को बंद कर दिया. इसके अंतर्गत शेयरों को 15.38 प्रति शेयर की दर पर इशू किया जाएगा.
- थॉमस कूक (Thomas Cook)- कंपनी के बोर्ड ने शेयर के बायबैक की योजना को वापस लेने की स्वीकृति दे दी है. इसका प्रमुख कारण कोरोना लॉकडाउन की वजह से होने वाला व्यवसाय पर असर रहा.
- ग्रसिम (Grasim)- लाइफ इन्शयोरन्स कॉर्पोरेशन (LIC) ने इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को करीब 2% प्रतिशत से बढ़ाया. पहले के 9.83% से बढ़कर अब एलआईसी का हिस्सा कंपनी में 11.86% हो गया है.
- माइंडट्री (Mindtree)- कंपनी द्वारा रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया है कि माइंडट्री के को-फाउंडर कृष्णकुमार नटराजन और उनके परिवार ने कंपनी में सितम्बर 15-23 के दौरान 4 लाख 66 हजार से ज्यादा अपने शेयर बेचे. इस बिक्री के बाद उनकी हिस्सेदारी 2.29% से घटकर 2.01% रह गई है.
- एरिस लाइफसाइंसेज (Eris Lifesciences)- शुक्रवार के बल्क डील में विश्व के सबसे पुराने सॉवरेन वेल्थ फंड, कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने कंपनी में 540 प्रति शेयर की दर से करीब साढ़े चार लाख शेयर खरीदे. कंपनी के प्रोमोटर हिमांशु जयंतभाई शाह ने भी हालाँकि 540.05 की दर पर 18 लाख शेयर बेच दिए.
बोर्ड/अनालिस्ट्स/इन्वेस्टर्स मीटिंग-
सोमवार को काफी कंपनियां इन्वेस्टर्स, अनलिस्ट्स या बोर्ड मीटिंग करेंगी. ऐसी कंपनियों में आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक, टाटा मोटर्स, ओरिएंट इलेक्ट्रिक, मणप्पुरम फाइनेंस, सिम्फनी, अरिहंत कैपिटल मार्केट्स, टाटा स्टील आदि प्रमुख है.
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