एक विदेशी मुद्रा दलाल क्या है

विदेशी मुद्रा व्यापार के साथ शामिल घोटाले की खोज
जबकि विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) निवेश एक वैध प्रयास है और घोटाला नहीं है, बहुत सारे घोटाले ट्रेडिंग फॉरेक्स के साथ जुड़े हुए हैं। कई उद्योगों के साथ, नए शिकारियों का लाभ उठाने के लिए बहुत सारे शिकारी वहां मौजूद हैं। नियामकों ने पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा को मजबूत किया है और बाजार में काफी सुधार हुआ है, जिससे इस तरह के घोटाले बढ़ते जा रहे हैं।
विदेशी मुद्रा व्यापार में मुद्राओं के जोड़े का व्यापार शामिल है उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति अमेरिकी डॉलर के लिए यूरो का आदान-प्रदान कर सकता है। 2019 के सितंबर में, 1 यूरो का मूल्य $ 1.09 से लेकर लगभग $ 1.12 तक था। तो, एक व्यापारी जिसने $ 112 के लिए 100 यूरो का आदान-प्रदान किया, जब डॉलर का मूल्य उच्च होता है, तो यूरो के लिए उन $ 112 का आदान-प्रदान करके लाभ कमा सकता है जब डॉलर का मूल्य प्रति यूरो $ 1.09 पर वापस गिरता है। इस तरह के लेन-देन का परिणाम 3% से कम का शुद्ध लाभ होगा, जो संभवतः दलाल के कमीशन द्वारा मिटा दिया जाएगा।
विदेशी मुद्रा एक वैध प्रयास है। आप एक वास्तविक व्यवसाय के रूप में विदेशी मुद्रा व्यापार में संलग्न हो सकते हैं और वास्तविक लाभ कमा सकते हैं, लेकिन आपको इसे इस तरह से व्यवहार करना चाहिए। फॉरेक्स ट्रेडिंग को एक गेट-रिच-ओवरनाइट व्यवसाय के रूप में न देखें, चाहे आप हाइप-अप फॉरेक्स ट्रेडिंग गाइड में पढ़ सकते हैं।
विनिमय दरें अस्थिर हैं और अप्रत्याशित रूप से ऊपर या नीचे जा सकती हैं। जब कमीशन दलालों के लिए लेन-देन से लेन-देन होता है, तो पैसा बनाने के लिए व्यापारी के पक्ष में विनिमय दरों में महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता होती है। उच्च लाभ संभव है, लेकिन यह ऐसा बाजार नहीं है जहां किसी को भी त्वरित और आसान नकदी की उम्मीद करनी चाहिए।
क्या एक घोटाले बनाता है?
विदेशी मुद्रा व्यापार पहली बार 1990 के दशक के अंत में खुदरा व्यापारियों के लिए उपलब्ध हो गया था। पहले कुछ वर्षों में रातोंरात दलालों के साथ सूखा पड़ा था जो बिना किसी सूचना के पॉप अप करने और फिर दुकान बंद करने के लिए लग रहे थे।
आम भाजक यह था कि ये दलाल गैर-पंजीकृत देशों में आधारित थे। जबकि कुछ संयुक्त राज्य अमेरिका में हुए थे, बहुसंख्यक विदेशों में उत्पन्न हुए थे, जहां ब्रोकरेज स्थापित करने की एकमात्र आवश्यकता कुछ हजार डॉलर की फीस थी।
एक खराब-संचालित दलाली के बीच एक अलग अंतर मौजूद है, जो जरूरी नहीं कि एक घोटाला है, और एक धोखाधड़ी है। एक विदेशी मुद्रा दलाल क्या है यहां तक कि खराब रनिंग ब्रोकरेज खेल से बाहर ले जाने से पहले लंबे समय तक चला सकते हैं।
घोटाले के निवेशकों के कुछ सामान्य उदाहरणों में मंथन और दलालों को शामिल करना चाहिए जो केवल जोखिम को कम करते हैं। मंथन में ऐसे दलाल शामिल हैं जो कमीशन बनाने के एकमात्र उद्देश्य के लिए अनावश्यक ट्रेडों को निष्पादित करते हैं।
इसके अतिरिक्त, कुछ दलाल अक्सर विदेशी मुद्रा बाजार के माध्यम से जल्दी और आसानी से बहुत सारे पैसे बनाने के लिए निवेशकों की क्षमता को कम कर देते हैं। वे आम तौर पर नए निवेशकों का शिकार करते हैं जो यह नहीं समझते कि विदेशी मुद्रा व्यापार वह है जो शून्य-राशि के खेल के रूप में जाना जाता है। जब किसी मुद्रा का दूसरी मुद्रा के विरुद्ध मूल्य मजबूत होता है, तो दूसरी मुद्रा को आनुपातिक रूप से कमजोर होना चाहिए।
स्कैम होने से कैसे बचें
पहला कदम ब्रोकरेज के मुख्यालय के स्थान की जांच करना और शोध करना है कि यह व्यापार में कितना समय रहा है और उन्हें कहां विनियमित किया गया है। अधिक बेहतर।
यदि आपको लगता है कि आपको घोटाला किया जा रहा है, तो अमेरिकी कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग एक विदेशी मुद्रा दलाल क्या है कमीशन से संपर्क करें।
दलाली के साथ निवेश करने से पहले, यह पता लगाने का सरल कार्य कि आपको किसे कॉल करना चाहिए, यदि आपको लगता है कि आपको घोटाला किया गया है, तो आप सड़क पर बहुत सारे संभावित दिल का दर्द बचा सकते हैं। यदि आप किसी को कॉल करने के लिए नहीं पा सकते हैं क्योंकि ब्रोकरेज एक गैर-विनियमित क्षेत्राधिकार में स्थित है, तो यह आमतौर पर एक लाल झंडा और एक संकेत है जो अधिक विनियमित विकल्प खोजने के लिए सबसे अच्छा है।
‘पढ़े फारसी बेचे तेल, देखो रे संप्रदा का खेल’, अंबानी से अमीर बिहारी उद्योगपति दुनिया से चला गया
कहते हैं कि 1925 में पैदा हुए सम्प्रदा बाबू जब पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद खेती करने जहानाबाद के अपने गांव आये तब गांव के लोग पढ़े लिखे नौजवान को खेती करता देख कुछ ऐसा ही तंज कसते थे। पता नहीं कितनी सच झूठ है ये बातें। लेकिन बिहार में आम जुबान पर संप्रदा सिंह को लेकर ऐसे किस्से हैं।
खैर 94 वर्षीय संप्रदा सिंह का देहावसान एक अरबपति उद्योगपति की मौत मात्र नहीं है। कायदे से यह एक प्रेरणापुंज का बुझना है जो बिहार जैसे पलायनवादी राज्य में मजदूरों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने वाले उदाहरण थे। हालांकि उनका एल्केम तो रहेगा ही और यह विषम परिस्थितियों में खुद को बुलंद करने के लिए प्रेरणा भी देगा।
दशकों पहले बिहार से बाहर जाकर उद्योग जमाने वाले संप्रदा सिंह अगर आज याद किए जा रहे हैं तो यह उनका अपनी जड़ों से जुड़ाव के कारण ही है। देश के 50 सबसे अमीरों में एक और शीर्ष सफलता के बाद भी वे बिहार से नाता बनाये रहे। हाँ यह जरूर बिहार की सरकारों का दुर्भाग्य रहा कि वह ऐसे लोगों के लिए बिहार में प्रतिकूल माहौल आज तक नहीं बना सकी जिससे ये बड़े उद्योगपति बिहार को संवार सके।
वैसे आज ही मित्र अभिषेक ने लिखा है, जब मगध की धरती रक्तरंजित थी उस दौर में जिसने भी काम की इच्छा दिखाई उनको सम्प्रदा बाबु के यहां काम मिला। उनकी सैलरी और प्रमोशन में बायोटेक्नोलॉजी और बी फार्मा कभी आड़े नहीं आया। आज भी प्रोडक्शन से लेकर मार्केटिंग में लाख रूपए पाने वाले को मैं जानता हूँ।
जब रैनबैक्सी जैसी फार्मा कंपनी ने FDA के मार से थक हार कर अपना बिजनेस समेट लिया था वो उस वक्त के एक अखबार के संपादकीय पृष्ठ के एक लेख में मैंने पढ़ा था ” जो बांटते थे दवा- ए- दर्दे दिल,वो खोमचे उठा कर निकल लिए “। लेकिन एक शक्स जो बिना स्वदेशी का ढोल पीटे मल्टीनैशनल फार्मा कंपनियों से टकराकर भारतीयों को क्वालिटी दवा और देश को विदेशी मुद्रा देते रहे वो आज रुखसत हो गए।
और मित्र रंजन ऋतुराज तो अनोखा किस्सा लिखते हैं…भारत के प्रथम 50 धनिक में से, भारत के प्रथम 5 में से एक दवा कंपनी के संस्थापक और पूरे विश्व में अपनी मेडिसिन कारोबार को फ़ैलाने वाले सम्प्रदा सिंह को पूरा भारत संप्रदा बाबू ही कहता था और कहता रहेगा । और हम बिहार के लोगों के लिए वे संपदा बाबू थे। एक ऐसे वट वृक्ष जिनकी छत्रछाया में कई घर खुशहाल हुए। जिन्होंने कई बिहारियों को सिर्फ नौकरी नहीं दिया बल्कि उद्योगपति बनने के लिए प्रेरित किया।
कई कहानियां हैं , कई बातें है लेकिन एक कहानी जो मुझे पता है – वह इनके व्यक्तित्व को दर्शाता है । कहानी यह है कि इनके शुरुआती दौर में इनको हर संभव मदद करने वाले एक चिकित्सक जब कैंसर से पीड़ित हुए तब तक संप्रदा बाबू खरबपति हो चुके थे लेकिन अपने सारे कारोबार से ध्यान हटा कर अपने चिकित्सक मित्र के पटना आवास पर आ गए और महीनों अपने चिकित्सक मित्र के बिछावन के समीप चटाई पर सोए और दिन रात सेवा की । और लोग कहते है – वो चिकित्सक अपना मकान संप्रदा बाबू के नाम कर गए ।क्या अद्भुत दोस्ती रही होगी – मुझे तुम्हारा कर्ज नहीं रखना है तो मुझे तुम्हारा कर्ज नहीं रखना है । सलाम …ऐसे ही लोग कालजयी और युगद्रष्टा कहलाते हैं।
‘पढ़े फारसी बेचे तेल, देखो रे संप्रदा का खेल’, अंबानी से अमीर बिहारी उद्योगपति दुनिया से चला गया
कहते हैं कि 1925 में पैदा हुए सम्प्रदा बाबू जब पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद खेती करने जहानाबाद के अपने गांव आये तब गांव के लोग एक विदेशी मुद्रा दलाल क्या है पढ़े लिखे नौजवान को खेती करता देख कुछ ऐसा ही तंज कसते थे। पता नहीं कितनी सच झूठ है ये बातें। लेकिन बिहार में आम जुबान पर संप्रदा सिंह को लेकर ऐसे किस्से हैं।
खैर 94 वर्षीय संप्रदा सिंह का देहावसान एक अरबपति उद्योगपति की मौत मात्र नहीं है। कायदे से यह एक प्रेरणापुंज का बुझना है जो बिहार जैसे पलायनवादी राज्य में मजदूरों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने वाले उदाहरण थे। हालांकि उनका एल्केम तो रहेगा ही और यह विषम परिस्थितियों में खुद को बुलंद करने के लिए प्रेरणा भी देगा।
दशकों पहले बिहार से बाहर जाकर उद्योग जमाने वाले संप्रदा सिंह अगर आज याद किए जा रहे हैं तो यह उनका अपनी जड़ों से जुड़ाव के कारण ही है। देश के 50 सबसे अमीरों में एक और शीर्ष सफलता के बाद भी वे बिहार से नाता बनाये रहे। हाँ यह जरूर बिहार की सरकारों का दुर्भाग्य रहा कि वह ऐसे लोगों के लिए बिहार में प्रतिकूल माहौल आज तक नहीं बना सकी जिससे ये बड़े उद्योगपति बिहार को संवार सके।
वैसे आज ही मित्र अभिषेक ने लिखा है, जब मगध की धरती रक्तरंजित थी उस दौर में जिसने भी काम की इच्छा दिखाई उनको सम्प्रदा बाबु के यहां काम मिला। उनकी सैलरी और प्रमोशन में बायोटेक्नोलॉजी और बी फार्मा कभी आड़े नहीं आया। आज भी प्रोडक्शन से लेकर मार्केटिंग में लाख रूपए पाने वाले को मैं जानता हूँ।
जब रैनबैक्सी जैसी फार्मा कंपनी ने FDA के मार से थक हार कर अपना बिजनेस समेट लिया था वो उस वक्त के एक अखबार के संपादकीय पृष्ठ के एक लेख में मैंने पढ़ा था ” जो बांटते थे दवा- ए- दर्दे दिल,वो खोमचे उठा कर निकल लिए “। लेकिन एक शक्स जो बिना स्वदेशी का ढोल पीटे मल्टीनैशनल फार्मा कंपनियों से टकराकर भारतीयों को क्वालिटी दवा और देश को विदेशी मुद्रा देते रहे वो आज रुखसत हो गए।
और मित्र रंजन ऋतुराज तो अनोखा किस्सा लिखते हैं…भारत के प्रथम 50 धनिक में से, भारत के प्रथम 5 में से एक दवा कंपनी के संस्थापक और पूरे विश्व में अपनी मेडिसिन कारोबार को फ़ैलाने वाले सम्प्रदा सिंह को पूरा भारत संप्रदा बाबू ही कहता था और कहता रहेगा । और हम बिहार के लोगों के लिए वे संपदा बाबू थे। एक ऐसे वट वृक्ष जिनकी छत्रछाया में कई घर खुशहाल हुए। जिन्होंने कई बिहारियों को सिर्फ नौकरी नहीं दिया बल्कि उद्योगपति बनने के लिए प्रेरित किया।
कई कहानियां हैं , कई बातें है लेकिन एक कहानी जो मुझे पता है – वह इनके व्यक्तित्व को दर्शाता है । कहानी यह है कि इनके शुरुआती दौर में इनको हर संभव मदद करने वाले एक चिकित्सक जब कैंसर से पीड़ित हुए तब तक संप्रदा बाबू खरबपति हो चुके थे लेकिन अपने सारे कारोबार से ध्यान हटा कर अपने चिकित्सक मित्र के पटना आवास पर आ गए और महीनों अपने चिकित्सक मित्र के बिछावन के समीप चटाई पर सोए और दिन रात सेवा की । और लोग कहते है – वो चिकित्सक अपना मकान संप्रदा बाबू के नाम कर गए ।क्या अद्भुत दोस्ती रही होगी – मुझे तुम्हारा कर्ज नहीं रखना है तो मुझे तुम्हारा कर्ज नहीं रखना है । सलाम …ऐसे ही लोग कालजयी और युगद्रष्टा कहलाते हैं।
शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा दलाल समीक्षा 2022
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
आप विदेशी मुद्रा दलाल समीक्षाओं पर भरोसा कर सकते हैं यदि वे एक प्रतिष्ठित स्रोत से आते हैं। उदाहरण के लिए, हमारी विदेशी मुद्रा दलाल समीक्षाएं उन विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई हैं जिन्होंने घंटों शोध किया है और वास्तव में ब्रोकर के साथ व्यापार किया है। हमारे सभी अनुशंसित ब्रोकर डेमो खाते भी प्रदान करते हैं, ताकि आप अपने पैसे का बंटवारा करने से पहले खुद तय कर सकें कि ब्रोकर आपके लिए सही है या नहीं।
कौन सा विदेशी मुद्रा दलाल सबसे अच्छा है?
आपकी ट्रेडिंग शैली के आधार पर एक विदेशी मुद्रा दलाल चुनना एक व्यक्तिपरक निर्णय है। सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा दलाल, हालांकि, सभी उद्योग-अग्रणी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, प्रतिस्पर्धी स्प्रेड और सख्त विनियमन जैसी समान सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
क्या आपको विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए दलाल की आवश्यकता है?
जबकि आप तकनीकी रूप से ब्रोकर के बिना विदेशी मुद्रा व्यापार कर सकते हैं, यह तब तक अव्यावहारिक है जब तक कि आपके पास बहुत बड़ी मात्रा में धन तक पहुंच न हो। क्या अधिक है, यह अत्यधिक जटिल है, बहुत जोखिम भरा है। दूसरी ओर, एक विनियमित ब्रोकर के साथ व्यापार करना पूरी तरह से सुरक्षित और सुरक्षित है।
क्या विदेशी मुद्रा एक जुआ है?
सफल विदेशी मुद्रा व्यापार एक जुआ नहीं है। इसके लिए आपको ट्रेडिंग रणनीतियों पर शोध करने और विकसित करने में समय बिताने की आवश्यकता है, ताकि आप केवल मुद्रा मूल्य परिवर्तनों का अनुमान न लगा सकें। सूचित ट्रेड करने के लिए, आपको ट्रेडिंग मनोविज्ञान को समझना होगा, बाजार की खबरों से अपडेट रहना होगा और ट्रेडिंग टूल्स और शैक्षिक सामग्री का उपयोग करना होगा।