एक व्यापार

विकल्प बाजार

विकल्प बाजार

'शेयर बाजार में निवेश'

Rakesh Jhunjhunwala News: राकेश झुनझुनवाला के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद अब फोकस शेयर बाजार में उनकी शेयरों की हिस्सेदारी पर आ गया है. शेयर बाजार के निवेशक और विश्लेषक हमेशा उनके एक-एक दांव पर नजर रखते थे. अब स्पॉटलाइट शेयर बाजार में उनकी लगभग 4 बिलियन डॉलर या साढ़े तीन हजार विकल्प बाजार करोड़ की स्टॉकहोल्डिंग पर है.

शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह निधन हो गया. भारत के वारेन बफे कहे जाने झुनझुनवाला का ‘नेटवर्थ’ 5.8 अरब डॉलर (46,000 करोड़ रुपये) था. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सुबह दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़कर गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुनझुनवाला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने आर्थिक जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. जानें- कैसे उन्होंने 5000 रुपए के निवेश से शुरुआत करके अपनी नेटवर्थ को 46 हजार करोड़ के पार पहुंचाया.

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि बीमा नियामक की मंजूरी का इंतजार है. इसके बाद शेयर बिक्री के आकार का विवरण देने वाले दस्तावेजों का मसौदा दाखिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बॉर्ड (सेबी) की मंजूरी मिलने के बाद मार्च तक एलआईसी का आईपीओ बाजार में आ सकता है.

कंपनी के राजस्व में मुख्य योगदान आईटी सेवाओं का रहता है. कंपनी ने कहा कि आईटी सेवाओं से उसकी आमदनी मार्च, 2022 की तिमाही में 269.2 करोड़ से 274.5 करोड़ डॉलर रहेगी. यह तिमाही आधार पर दो से चार प्रतिशत की वृद्धि होगी.

Sovereign Gold Bond 2021-22 Scheme : केंद्रीय रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत ब्याज से लिंक्ड बॉन्ड जारी करता है, जिसकी कीमत बाजार में सोने के भाव से तय होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को पेपर गोल्ड भी कहते हैं क्योंकि यह एक तरह का दस्तावेज होता है, जिसमें आप निवेश करते हैं.

Cryptocurrency | Reported by: ख़बर न्यूज़ डेस्क, Edited by: तूलिका कुशवाहा |शुक्रवार सितम्बर 24, 2021 08:55 AM IST

Cryptocurrency Investment : स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे कई पारंपरिक विकल्प मौजूद हैं, लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी निवेशकों को अपनी ओर खींच रही है. लेकिन हम एक बार नजर डालते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी, पहले से मौजूद ट्रेडिशनल ऑप्शन्स से कितनी अलग है.

IPO Market News : बुधवार को तीन कंपनियों के आईपीओ खुले हैं. कृष्णा डायग्नोस्टिक्स, देवयानी इंटरनेशनल और विंडलास बायोटेक के आईपीओ आज से खुल गए हैं. सबसे ज्यादा चर्चा देवयानी इंटरनेशनल की है. यही कंपनी भारत में KFC और Pizza Hut जैसे आउटलेट्स का ऑपरेशन देखती है.

How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.

IPO This Week : इस हफ्ते क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स के आईपीओ आएंगे. इनसे कुल मिलाकर 2,500 करोड़ रुपये से कुछ अधिक राशि जुटने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि इन कंपनियों को शेयर बाजार से फायदा होगा, क्योंकि वहां काफी लिक्विडिटी है.

शेयरखान बाई बीएनपी परिबा के निवेश समाधान प्रमुख गौतम कालिया ने कहा, ‘‘अप्रैल महीने में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़े. इससे बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला, लेकिन इसके तुरंत बाद विकल्प बाजार तेजी से सुधार हुआ. म्यूचुअल फंड इकाइयों ने अप्रैल में इस गिरावट का उपयोग इक्विटी निवेश बढ़ाने में किये.’’

विकल्प बाजार

17 नवंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने चरणबद्ध तरीके से खुले बाजार सौदों के जरिये शेयर पुनर्खरीद व्यवस्था को समाप्त करने के साथ-साथ समय अवधि कम करने का प्रस्ताव किया है। मौजूदा शेयर पुनर्खरीद प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिये यह कदम उठाया गया है।

साथ ही, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनियों के लिये अपने ‘फ्री रिजर्व’ यानी लाभांश के लिये उपलब्ध राशि से शेयर पुनर्खरीद को लेकर सीमा बढ़ाने, आमंत्रण आधार पर (टेंडर रूट) दो पुनर्खरीद के बीच अंतराल को कम करने और कराधान संबंधित कंपनियों के बजाय शेयर की पेशकश करने वाले शेयरधारकों पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया है।

ये प्रस्ताव सेबी के परामर्श पत्र का हिस्सा है। इसपर संबंधित पक्षों से एक दिसंबर तक सुझाव मांगे गये हैं।

सेबी के अनुसार, पुनर्खरीद प्रक्रिया के लिये समय अवधि को अप्रैल, 2023 से कम कर 66 दिन किया जा सकता है। फिर से अप्रैल, 2024 से कम कर 22 कामकाजी दिवस किया जा सकता है। अंतत:, पुनर्खरीद प्रस्ताव के लिये खुली बाजार पेशकश व्यवस्था अप्रैल, 2025 से समाप्त की जा सकती है।

नियामक ने कहा, ‘‘मौजूदा नियम के तहत वर्तमान में पुनर्खरीद पेशकश आने की तारीख से उसके बंद होने के लिये छह महीने की अवधि दी गयी है। इसके परिणामस्वरूप इस तरह की विस्तारित अवधि के दौरान संबंधित कंपनी के शेयरों में कृत्रिम मांग पैदा हो सकती है और शेयर का कारोबार जरूरत से अधिक मूल्य पर हो सकता है। एक विस्तारित पुनर्खरीद अवधि से कुशल मूल्य की खोज पर असर पड़ता है।’’

Investment & Return: अस्थिर बाजार में कहां करें निवेश? इक्विटी, गोल्ड या FD कौन-सा विकल्प सबसे बेहतर

अस्थिर माहौल में निवेश और बेहतर रिटर्न के लिए एक्सपर्ट्स ने दी सलाह

Investment in Equity & Gold: इस अस्थिर माहौल में जहां इक्विटी से लेकर कमोडिटी तक इन्वेस्टमेंट के हर सेगमेंट ने रिटर्न क . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 06, 2022, 16:42 IST

हाइलाइट्स

इस साल अब तक इक्विटी, गोल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से बेहतर रिटर्न नहीं मिला.
जियो-पॉलिटिकल टेंशन के कारण महंगाई और ब्याज दर बढ़ने से मार्केट पर बुरा असर विकल्प बाजार पड़ा.
बाजार विशेषज्ञ अब भी लंबी अवधि के लिए इक्विटी मार्केट में निवेश की सलाह दे रहे हैं.

नई दिल्ली. इस वर्ष में निवेश के मोर्चे पर लोगों विकल्प बाजार को इक्विटी, गोल्ड, क्रिप्टोकरेंसी और सुरक्षित निवेश योजनाओं से निराशा हाथ लगी. साल की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चैन बाधित होने से महंगाई और कच्चे तेल के दाम बढ़ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता रही. जिसकी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार और कमोडिटी मार्केट प्रभावित रहे और इस वजह से यहां किए गए निवेश पर मिलना वाला रिटर्न भी निराशाजनक रहा.

वहीं, अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है और आगे भी आक्रामक पॉलिसी रूख बरकरार रखने के संकेत दिए हैं. यूएस सेंट्रल बैंक के इस फैसले का असर दुनियाभर के बाजारों पर देखने को मिला. भारतीय बाजार भी इस वजह से टूट गए. हालांकि, अब मार्केट में फिर से तेजी आई है.

अस्थिर माहौल में कैसे और कहां करें निवेश?
इस अस्थिर माहौल में जहां इक्विटी से लेकर कमोडिटी तक इन्वेस्टमेंट के हर सेगमेंट ने रिटर्न के मामले में निराशा किया है, ऐसे में पैसा कहां लगाया जाए? क्या निवेशकों को जोखिम उठाकर किसी दूसरे एसेट क्लास में इन्वेस्ट करना चाहिए.

पैसा बाजार के सीनियर डायरेक्टर गौरव अग्रवाल ने मनी कंट्रोल से कहा कि इन्वेस्टमेंट करने से पहले निवेशकों को जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनानी चाहिए. अगर आपका नजरिया 5 साल या उससे ज्यादा का है तो इक्विटी एक अच्छा ऑप्शन है लेकिन कम वक्त में इससे अच्छे रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

लंबी अवधि के लिए इक्विटी मार्केट बेहतर
इक्विटी मार्केट ने साल 2022 में रिटर्न के मामले में निराश किया है. कैलेंडर ईयर 2022 में इक्विटी मार्केट -2.3% नीचे रहा. इसकी सबसे बड़ी वजह रही जियो-पॉलिटिकल टेंशन से महंगाई दरों में बढ़ोतरी व ब्याज दरों से जुड़ी चिंताएं. हालांकि, फिर भी एक्सपर्ट लंबी अवधि के लिए सरप्लस फंड का 40 से 50 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं और एसआईपी के जरिए इन्वेस्ट किया जा सकता है.

म्यूचुअल फंड, गोल्ड और बॉन्ड में निवेश का मौका
वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिक्स्ड डिपॉजिट और सरकारी बॉन्ड करीब 6-7 फीसदी का रिटर्न दे सकते हैं, जबकि सोना में निवेश से उतने बेहतर रिटर्न की गुंजाइश नहीं है. अगर सोने में 10 फीसदी की गिरावट आती है तो अगले 12 महीने सोने में निवेश के अच्छे अवसर मिल सकते हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

उत्‍तरप्रदेश में योगी सरकार ने गन्ना किसानों को बाजार का एक नया विकल्प दिया

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अनुसार नई खाण्डसारी नीति के तहत अब तक 284 इकाइयों को लाइसेंस दिये जा चुके हैं। इनके लगाने में ग्रामीण क्षेत्रों में करीब एक हजार 250 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही 32 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।

इस नई नीति से स्थानीय स्तर पर रोजगार, निवेश के साथ चीनी मिलों पर पेराई का बोझ कम हो रहा है। उत्तर प्रदेश के करीब 65 लाख किसान गन्ने की खेती करते हैं।

रेटिंग: 4.22
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 385
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *