इंट्राडे खराब क्यों है

गुडलक टुडे: वरुथिनी एकादशी महत्वपूर्ण क्यों है ? इस दिन भगवान की पूजा कैसे करें, जानिए
इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय वरुथिनी एकादशी के बारें में बता रहे हैं. इस एकादशी के व्रत से व्यक्ति को समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वरुथिनी एकादशी इतनी ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों है ?वरुथिनी एकादशी पर भगवान की पूजा कैसे करें . सब कुछ जानेंगे लेकिन पहले बात गुडलक मंत्र की. देखें गुडलक टुडे.
In this video, Pandit Shailendra Pandey is telling about Varuthini Ekadashi. The fasting of this Ekadashi brings prosperity and good fortune to the person. Why is Varuthini Ekadashi so important? How to worship God on Varuthini Ekadashi? Know astrological predictions for Aries, Taurus, Gemini, Cancer, and other zodiac signs for April 26. Watch Goodluck Today.
Stock Market Today Share Market Live NSE BSE Sensex: खरीदारी लौटने से बाजार हो गया गुलजार, सेंसेक्स 487 अंक ऊपर बंद; 14,498 पर निपटा निफ्टी
Stock Market Today Share Market Live NSE BSE Sensex: कमजोर शुरुआत के बावजूद आज सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही ऊपर बंद हुए.
Published: January 12, 2021 4:15 PM IST
Stock Market Today Share Market Live NSE BSE Sensex: सेंसेक्स- निफ्टी (Sensex and Nifty) आज फिर से नया रिकॉर्ड (New Highs) बनाने में कामयाब हो गए. आज इंट्राडे में निफ्टी का 14, 498.2 का और सेंसेक्स ने 49, 303.8 का नया रिकॉर्ड बनाया. सेंसेक्स 487 अंक चढ़कर 49,269 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 137 अंक चढ़कर 14,485 पर बंद हुआ है. बैंक निफ्टी 85 अंक गिरकर 31999 पर बंद हुआ है. मिडकैप 54 अंक गिरकर 22140 पर बंद हुआ है.
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सेंसेक्स (Sensex) के 30 में से 20 शेयरों में खरीदारी रही. निफ्टी के 50 में से 31 शेयरों में खरीदारी (Buying in Share market) दिखी. बैंक निफ्टी के 12 में से 9 शेयरों में बिकवाली रही.
इंट्रा-डे में निफ्टी लगातार 11वें दिन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा. इंट्रा-डे में निफ्टी ने 14, 498 का नया स्तर छुआ. IT,ऑटो और FMCG शेयरों में अच्छी खरीदारी रही. निफ्टी IT इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा. IT इंडेक्स पिछले 2 सत्रों में करीब 7 फीसदी चढ़ा है. हालांकि निफ्टी बैंक में 4 दिनों की तेजी के बाद गिरावट देखने को मिली. मिडकैप में भी 8 दिनों की तेजी के बाद आज गिरावट रही.
गौरतलब है कि आज शेयर बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई थी. ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली की वजह से सेंसेक्स और निफ्टी की कमजोर शुरुआत हुई थी. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार से अच्छे संकेत मिले थे. लेकिन, दोपहर के बाद कारोबार में फिर से खरीदारी लौटते हुए दिखाई दी और शेयर बाजार फिर से गुलजार हो गया.
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ADVANCE TRADING STRATEGIES || PRO TRADING
शेयर बाजार में हर कोई पैसा जमा करना चाहता है। लेकिन यह बहुत दुख की बात है कि बहुत कम लोग पैसा कमा पाते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार 90% व्यापारियों ने बाजार में पैसा खो दिया।
क्या आप जानते हैं कि वे इतने सारे कारण क्यों हैं कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जो मैं यहाँ पर प्रकाश डाल रहा हूँ-
1- अनुशासन की कमी और भावनाओं पर नियंत्रण न होना:
एक व्यापारी के रूप में अनुशासित होना बहुत महत्वपूर्ण है, उचित अनुशासन आपको घाटे को कम करने और अपनी पूंजी को बनाए रखने में मदद करेगा। एक इंट्राडे ट्रेडर को एक उचित योजना के साथ रहना चाहिए। एक पूर्ण इंट्राडे योजना में लाभ लक्ष्य, विचार करने के लिए कारक, स्टॉप लॉस लगाने के तरीके और सही ट्रेडिंग घंटे चुनने के तरीके शामिल हैं। व्यापार योजना एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है कि व्यापार को कैसे निष्पादित किया जाना चाहिए। साथ ही, आप दिन के अंत में प्रत्येक स्टॉक के प्रदर्शन विश्लेषण के साथ दिन के दौरान किए गए ट्रेडों का रिकॉर्ड रख सकते हैं। इस तरह के रिकॉर्ड आपकी ट्रेडिंग रणनीति में कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें ठीक करने में आपकी मदद करते हैं।
2. हारने की स्थिति पर औसत:
जब एक ट्रेडर को नुकसान होता है, तो वह या तो किसी पोजीशन को एवरेज करने की कोशिश करता है या नुकसान की भरपाई के लिए जरूरत से ज्यादा ओवरट्रेड करता है। यह आगे और अधिक नुकसान की ओर ले जाता है और उन्हें और अधिक परेशानी में डाल देता है। लॉन्ग पोजिशन के लिए एवरेजिंग जब कीमतें अप्रत्याशित दिशा के खिलाफ जाती हैं तो लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स के लिए अच्छा होता है लेकिन डे ट्रेडर्स के लिए नहीं।
ट्रेडर्स को अपने खराब ट्रेड से नुकसान उठाना चाहिए और उन्हें अपने लॉन्ग पोजीशन को एवरेज नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्हें उसी दिन स्क्वायर ऑफ करना होता है। इस प्रकार, लॉन्ग पोजीशन पर औसत एक कारण है कि इंट्राडे ट्रेडर्स को घाटा होता है।
3-नुकसान को पूरा करने की कोशिश:
जब नुकसान का सामना करना पड़ता है, तो दिन के व्यापारी जल्दी में अपनी स्थिति को ठीक करने या औसत करने का प्रयास करते हैं। जब आप नुकसान का सामना करते हैं, तो इसका मतलब है कि व्यापार गलत था। ट्रेडर्स अक्सर नुकसान को कवर करने के लिए ओवरट्रेड करते हैं, जिससे जोखिम का स्तर बढ़ जाता है। नुकसान ट्रेडिंग का हिस्सा हैं, और जब ऐसा होता है, तो आपको विश्लेषण करने के लिए समय निकालना होगा कि क्या गलत हुआ। जितनी जल्दी आप नुकसान को स्वीकार करते हैं और संसाधित करते हैं, उतना ही बेहतर है कि आप अधिक महंगी गलतियाँ करने से बच सकते हैं।
4-ट्रेडिंग प्लान और ट्रेडिंग जर्नल की उपेक्षा करना:
ये दो बहुत महत्वपूर्ण चीजें हैं जिन्हें ज्यादातर इंट्राडे ट्रेडर नजरअंदाज कर देते हैं। आइए पहले ट्रेडिंग प्लान को देखें। ट्रेडिंग प्लान इस बात की व्यापक रूपरेखा को कैप्चर करता है कि इंट्राडे ट्रेडों की कल्पना और निष्पादन कैसे किया जाना चाहिए। इसमें स्टॉप लॉस, प्रॉफिट टारगेट, किन कारकों पर विचार करना है, सही ट्रेडिंग घंटे का चयन कैसे करें, अधिकतम स्वीकार्य नुकसान आदि शामिल हैं। वास्तव में, ट्रेडिंग प्लान आपकी ट्रेडिंग गतिविधि के लिए संविधान है और आपको इसका सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है। . ट्रेडिंग डायरी प्रदर्शन के औचित्य और ईओडी विश्लेषण के साथ दिन के दौरान आपके ट्रेडों का रिकॉर्ड है। ट्रेडिंग डायरी का उद्देश्य आपको कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने और अपनी ट्रेडिंग रणनीति में कमियों को दूर करने में मदद करना है। यदि आप ट्रेडिंग प्लान और ट्रेडिंग डायरी को उचित महत्व नहीं देते हैं, तो एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में आपकी सफलता मुश्किल हो सकती है।
5-हारे हुए व्यापार को पकड़ना और लाभदायक व्यापार में जल्दी कटौती करना:
यह बुनियादी गलतियाँ हैं जो एक नया स्टार्टर अपने शुरुआती दौर में करता है। इसकी वजह शेयर बाजार में पैसा डूबने का डर है। अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे अपनी पिछली यात्रा में उन्होंने शेयर बाजार में भारी मात्रा में नुकसान किया है, उनके निष्पादित ट्रेडों पर पर्याप्त विश्वास नहीं है क्योंकि उन्होंने उस व्यापार को दूसरों की सिफारिश या किसी सुझाव पर निवेश किया होगा। एक सफल ट्रेडर बनने के लिए आपको उचित रिस्क टू रिवॉर्ड अनुपात का पालन करना होगा। इसके बिना आप हमेशा शेयर बाजार में पैसा खो देंगे। क्योंकि व्यापार अनुसंधान और संभावना के बारे में है। मुख्य कारण यह है कि वे उचित जोखिम प्रबंधन का पालन नहीं कर रहे हैं। वे उस व्यापार को लाभदायक बनाने और उचित स्टॉपलॉस न लगाने के सपने में खोए हुए व्यापार को आगे ले जाते रहते हैं। उन्होंने स्टॉपलॉस को पीछे किए बिना विजयी ट्रेड में कटौती की। बजाय,
"विजेताओं को चलाएं और हारने वालों को काटें"।
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1- एक-एक करके वीडियो देखें, एक दिन में वीडियो देखने की कोशिश न करें
2- हर वीडियो में असाइनमेंट होता है केवल पहला वीडियो नो असाइनमेंट सभी सेशन का असाइनमेंट करता है
3. जब वीडियो देखें तो नोट्स बनाएं
4. पहला वीडियो और देखें, फिर 2-3 बार रोजाना, 1 बार तो इसमें 2-3 दिन लगेंगे
5. सत्र के सभी बिंदुओं का पालन करें।
6. मुझसे सीखो तो और बातें भूल जाओ
7. वीडियो देखने के बाद व्हाट्सएप पर अपनी शंकाएं पूछें और जूम सेशन मदद करेगा
Trading क्या है Trading कितने प्रकार कि होती है?
Trading क्या है? यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते है। अगर आपको भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो आज कि लेख में हम आपको trading meaning in hindi के बारे में बारीकी से समझाएंगे। इसलिए इंट्राडे खराब क्यों है आज का पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस अंत तक पढ़े। तो फिर आइए जानते हैं।
Trading क्या है?
Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।
Stock Market Trading भी इसी तरह होता है। जैसे कि हम किसी वस्तु को खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। बिल्कुल वैसे ही स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। अगर एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश कहलाता है। यह एक तरह का ऑनलाइन पर आधारित बिजनेस होता है।
उदाहरण के तौर इंट्राडे खराब क्यों है पर अगर हम share market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली लाइफ से जोड़ते हैं। मान लीजिए आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹50 खरीदा और उसे बाद में ₹60 लगा कर कस्टमर्स को बेच दिया। अगर यह आप रोजाना करते हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
बिल्कुल ऐसे ही शेयर बाजार में भी होता है। आप शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है। तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अगर शेयर से जुड़ी न्यूज़ अच्छी आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी। वहीं इसका उल्टा करे तो शेयर से जुड़ी न्यूज़ खराब आती है तो शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है।
Stock Market Trading कितने प्रकार के होते हैं?
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।
Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं। और मार्केट बंद(3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू इंट्राडे खराब क्यों है कि Intraday ट्रेडिंग scalping trading से थोड़ा कम रिस्की होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़े।
Swing Trading क्या है?
Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।
Trading और Investment में क्या अंतर इंट्राडे खराब क्यों है है?
- Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
- Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में fundamental analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
- Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
- Trading करने वाले लोगों को traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों को निवेशक (Invester) कहां जाता है।
- Trading short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।
आपने क्या जाना
जैसे कि आपने हमारी आज के लेख में trading kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आज आपने ट्रेडिंग के साथ साथ ट्रेडिंग के प्रकार और निवेश से ट्रेडिंग किस तरह अलग होता है यह भी जाना है। अगर आपको भी share market में trade करना है तो सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी अवश्य ले। नहीं तो आपको अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ इंट्राडे खराब क्यों है सकता है।
NRI निवेश की दृष्टि से मई 2018 सबसे महत्त्वपूर्ण
यदि घरेलू शेयर बाज़ार में अनिवासी-भारतीयों द्वारा किये जाने वाले निवेश की बात की जाए तो पिछले पाँच वर्षों में वो इसके प्रति बहुत उत्साही नहीं रहे हैं। ऐसे समय में जब विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों की बिक्री बड़ी मात्रा में की जा रही है तब विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने निवेश में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि की है।