निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई

अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
-
और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
- असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
- नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
- जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
- कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें
योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख
निरंतर चूक के मामले में
ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।
रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।
निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई
The Chopal, New Delhi: Jan Dhan Account: यदि पहले चरण में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत आपका जनधन खाता नहीं खुला हैं, तो अब जल्दी ही अपना जनधन खाता खुलवा सकेंगे. जिससे आपको घर बैठे बिना मेहनत के अच्छी का मौका मिल जाएगा, क्योंकि केन्द्र सरकार जल्द ही प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) का दूसरा चरण लॉन्च करने जा रही है.
PM जनधन योजना 2.0 में सरकार का फोकस बैंक खाताधारकों को फाइनेंस एसेट्स से जोड़ने का मन है. जनधन खाताधारकों (Jan Dhan Account Holders) के लिए बैंक अलग से स्कीम ला सकते हैं. इसके लिए सेबी (Sebi) और Bhartiya Reserve Bank से अभी बातचीत जारी है. इसके बाद ही आगे कोई फैसला लिया जाएगा.
जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
सरकार FD, SIP निवेश फंड और एक इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड सिस्टम शुरू करने पर विचार कर रही है। यहां दो बड़ी चिंताएं हैं। मात्रा छोटी है। अगर निवेशकों को नुकसान होता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। उसका ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखा जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, व्यापार संवाददाता और बैंक अधिकारी जागरूकता अभियान चलाएंगे, जहां वे जन धन खाताधारकों को निवेश विकल्पों के बारे में सूचित करेंगे।
PMJDY के पहले चरण में 47 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं. इसमें फिलहाल 1.75 लाख करोड़ रुपए जमा हैं और अब सरकार चाहती है कि जनधन अकाउंट में जो पैसे जमा हैं, उनको फाइनेंशियल एसेट्स से जोड़ा जाए, जिससे उस पर अच्छा रिटर्न मिल सके. सरकार अब जनधन खाताधारकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी. इसके लिए सरकार का अच्छा और सुरक्षित रिटर्न देने पर जोर है.
सेबी और आरबीआई के बीच चल रही बातचीत
1.75 हजार करोड़ रुपये को वित्तीय संपत्तियों से कैसे जोड़ा जाए, इस पर सरकारी वित्तीय सेवा विभाग, सेबी और आरबीआई बातचीत कर रहे हैं। जन धन खाताधारकों को आकर्षक कीमत पर अच्छा खाता कैसे मिल सकता है? यह अभी विचाराधीन है। इसके बाद ही कोई फैसला हो पाएगा।
अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
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और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
- असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
- नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
- जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
- कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें
योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख
निरंतर चूक के मामले में
ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।
रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।
EARN MONEY : आप चाहते हैं ऑनलाइन पैसे कमाना तो जानिए यह खास तरीका, मिलेगा ₹100 से ₹10000 तक
EARN MONEY : हर किसी को पैसे कमाना (Earn Money) पसंद होता है ऐसा कोई नहीं होगा जिसे पैसे कमाना पसंद ना हो। हमारे लाखों पाठकों में भी ऐसे लाखों लोग हैं जो तरह-तरह के तरीके ढूंढते रहते हैं कि उन्हें कुछ पैसे कमाने (Earn Money) को मिल जाए। कुछ लोग इंटरनेट पर तमाम बातें ढूंढते हैं जैसे "How to make money online" , "How to earn money online" , "How to make money without investment" , "Home to make money at home" "Online paise kaise kamaye" "Online paise kamane ke tarike" , "How to earn money", फिलहाल हम आपको एक खास तरीका बताने वाले हैं जिसमें आप अगर चाहे तो इन्वेस्ट (Invest) भी कर सकते हैं और अगर आप ना चाहे तो बिना इन्वेस्ट (Invest) किए भी लाखों करोड़ों कमा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं पूरा तरीका कि कैसे क्या करना है। एक बात का ध्यान रखें कि जो भी स्टेप्स करें उसे ध्यान से और समझ कर करें।
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निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई
The Chopal, New Delhi: Jan निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई Dhan Account: यदि पहले चरण में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत आपका जनधन खाता नहीं खुला हैं, तो अब जल्दी ही अपना जनधन खाता खुलवा सकेंगे. जिससे आपको घर बैठे बिना मेहनत के अच्छी का मौका मिल जाएगा, क्योंकि केन्द्र सरकार जल्द ही प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) का दूसरा चरण लॉन्च करने जा रही है.
PM जनधन योजना 2.0 में निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई सरकार का फोकस बैंक खाताधारकों को फाइनेंस एसेट्स से जोड़ने का मन है. जनधन खाताधारकों (Jan Dhan Account Holders) के लिए बैंक अलग से स्कीम ला सकते हैं. इसके लिए सेबी (Sebi) और Bhartiya Reserve Bank से अभी बातचीत जारी है. इसके बाद ही आगे कोई फैसला लिया जाएगा.
जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
सरकार FD, SIP निवेश फंड और एक इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड सिस्टम शुरू करने पर विचार कर रही है। यहां दो बड़ी चिंताएं हैं। मात्रा छोटी है। अगर निवेशकों को नुकसान होता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। उसका ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखा जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, व्यापार संवाददाता और बैंक अधिकारी जागरूकता अभियान चलाएंगे, जहां वे जन धन खाताधारकों को निवेश विकल्पों के बारे में सूचित करेंगे।
PMJDY के पहले चरण निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई में 47 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं. इसमें फिलहाल 1.75 लाख करोड़ रुपए जमा हैं और अब सरकार चाहती है कि जनधन अकाउंट में निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई जो पैसे जमा हैं, उनको फाइनेंशियल एसेट्स से जोड़ा जाए, जिससे उस पर अच्छा रिटर्न मिल सके. सरकार अब जनधन खाताधारकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी. इसके लिए सरकार का अच्छा और सुरक्षित रिटर्न देने पर जोर है.
सेबी और आरबीआई के बीच चल रही बातचीत
1.75 हजार करोड़ रुपये को वित्तीय संपत्तियों से कैसे जोड़ा जाए, इस पर सरकारी वित्तीय सेवा विभाग, सेबी और आरबीआई बातचीत कर रहे हैं। जन धन खाताधारकों को आकर्षक कीमत पर अच्छा खाता कैसे मिल सकता है? यह अभी विचाराधीन है। इसके बाद ही कोई फैसला हो पाएगा।