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मुझे दलाल का उपयोग क्यों करना चाहिए?

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लाल किले से सबसे युवा पीएम राजीव गांधी ने पहले ही भाषण में किया था ‘सत्ता के दलाल’ का इस्तेमाल

India Independence Day Speech: जवाहर लाल नेहरू से भी ज्यादा बड़ी जीत के साथ राजीव गांधी सत्ता में आए थे. इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी राजनीति में आए और देश के प्रधानमंत्री बने.

By: राजेश कुमार | Updated at : 13 Aug 2021 03:00 PM (IST)

राजीव गांधी (फाइल तस्वीर)

India Independence Day Speech: राजीव गांधी जब 15 अगस्त 1985 को लाल किले की प्रचीर से पहली बार भाषण देने पहुंचे थे तो दुनिया की नजर भारत पर थी, जो ये सोच रही थी कि भारतीय राजनीति अलग कोई सोचने वाला मिला है. जब पहली बार राजीव गांधी लाल किले की प्रचार से देश को संबोधित कर रहे थे तो उनके पास सिर्फ इंदिरा गांधी का नाम था जबकि चुनौतियां काफी थीं.

जवाहर लाल नेहरू से भी ज्यादा बड़ी जीत के साथ राजीव गांधी सत्ता में आए थे. इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी राजनीति में आए और देश के प्रधानमंत्री बने. वह देश के सबसे युवा और गांधी परिवार से प्रधानमंत्री बनने वाले तीसरे सदस्य थे. राजीव गांधी ने जब देश की कमान संभाली थी उस वक्त वह सिर्फ 40 साल के थे.

साल 1985 में राजीव गांधी लाले किले की प्राचीर से देश को संबोधित करने के दौरान वह शुरुआती पांच-सात मिनट अपने नाना जवाहर लाल नेहरू और मां इंदिरा गांधी के बारे में ही बातें करते रहे थे. वह पहले भाषण में बार-बार इंदिरा गांधी का ही नाम लेते रहे. उनके पास इंदिरा की विरासत थी और सुफ-सुथरी पूंजी का कवच. उन्होंने कि देश की तरक्की के रास्ते पर चलने और 38 वर्षों की उपलब्धियों के बारे बताते हुए कहा था कि नेहरू और इंदिरा की योजनाओं के चलते आज देश विकसशील देशों की श्रेणी में आगे खड़ा है.

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राजीव के पीएम बनने के बाद पहला साल सूखा

राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मॉनसून के दगा देने के चलते देश में भयानक अकाल पड़ा था. उस वक्त उन्होंने देश के अलग-अलग इलाकों को दौरा किया. स्वतंत्रता दिवस पर उनके भाषणों में बेरोजगारी और गरीबी के लिए चिंता साफ दिखती थी. लेकिन लोगों के दिलों में यह बात थी कि उनका नेता जरूर कोई न कोई रास्ता निकाल लेगा. चुनौतियां बनी रही लेकिन राजीव हर साल लोगों को नौकरियों की दुहाई देते रहे.

राजीव ने 1987 में लाल किले कि प्रचार से कहा था कि युवकों में एक निराशा कभी-कभी दिखलाई देती है. देश के करोड़ों युवक काम ढूंढ नहीं पाते है. रोजगार नहीं पाते हैं. हमारी कोशिश है कि ढांचे में जो कमजोरियां हैं उनको दूर करने का काम किया जाए.

पहले भाषण में सत्ता की दलाली का इस्तेमाल

राजीव गांधी ने लाल से अपने पहले ही भाषण में सत्ता की दलाली जैसे शब्दों का इस्तेमाल का था और कहा था कि सत्ता के दलालों को टिकने नहीं दिया जाएगा. इससे उनका इशारा साफ था कि सत्ता संरक्षित दलाली उनकी सरकार में नहीं चलेगी. लेकिन, उनकी सरकार के रक्षा मंत्री वीपी सिंह ने ही बोपोर्स तोप की खरीद में दलाली का मुद्दा उठाया और उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया. इसके बाद वीपी सिंह ने कांग्रेस छोड़ते हुए जन मोर्चा गठन कर बाद में जनता दल बनाया.

1986 के अपने भाषण के दौरान उन्होंने न सिर्फ भारत को संबोधित किया बल्कि उन विविधताओं के बारे में बात कि जिनसे भारत बनता है. उन्होंने कहा था- "एक भारतीय होने का मतलब यह नहीं है कि हम केवल देश के निवासी हैं. हमारे पास संस्कृतियों की विविधता है. हम अलग-अलग धर्मों के हैं- हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध. हम मुझे दलाल का उपयोग क्यों करना चाहिए? सभी धर्मों और आस्था को सम्मान देते हैं. इसी तथ्य से हमारी ताकत और एकता बढ़ती है. यही एकमात्र रास्ता है जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए, क्योंकि हमारी ताकत हमारी विविधता में निहित है."

लेकिन, बोफोर्स का दाग लगने के बाद और सत्ता गंवाने से महज तीन महीने पहले 1989 में लाल के से भाषण में राजीव गांधी ने कहा था- हमें आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना होगा. हमें दुनिया में विश्व शक्ति बनना होगा लेकिन उन महाशक्ति की तरह नहीं जो अन्य को दबाकर ऊपर उठे हैं. राजीव ने अपने भाषण में कहा- “हमने दुनिया को दिखाया कि चाहे वे कितना भी दबाव डालें हमारा देश उनके दबावे के नीचे नहीं आनेवाला है. आज आजादी के 37 साल के बाद हम गौरव से कह सकते हैं कि हमारा देश हर तरह से आजाद है.”

बोपोर्स डील में दलाली के आरोप ने बढ़ाई राजीव के परेशानी

राजीव गांधी को बोफोर्स तोप घोटाले ने बेचैनी बढ़ा दी क्योंकि सीधा आरोप उनके ऊपर ही लगा था और इसे उठाने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके ही रक्षामंत्री वीपी सिंह थे. हालांकि, बोफोर्स तोप घोटाले के आरोपों के बीच 15 अगस्त 1987 को राजीव ने लाले किले से कहा- इन चालीस सालों में देश के किसानों की पैदावार बहुत बढ़ी है. 15 करोड़ टन पर पहुंच चुकी है. साथ में हम देख रहे हैं कि कपास की पैदावार और दाल की पैदावार पर खास ध्यान देने की जरूरत है. राजीव के ऊपर एक तरफ सनसनीखेज आरोप लगे तो दूसरी तरफ वह देश के युवाओं को सपने दिखा रहे थे. लेकिन, उनके इस सपनों को अपनों के ही लगाए आरोप छलनी कर रही थी. राजीव की ईमानदारी कभी बोफोर्स तोप तो कभी स्विस बैंक प्रकरण के चलते घेरे में आ चुकी थी.

लेकिन, बोफोर्स घोटाले के आरोपों के बाद राजीव की छवि पर गहरा असर पड़ा था. उनकी क्लीन की छवि धूमिल हो चुकी थी. हालांकि, राजीव गांधी ने एक बड़ा काम किया. संविधान का संशोधन कर पंचायती राज के सपने को सच किया. इस बीच राजीव ने शाह बाने केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटकर एक बड़ी भूल की थी. आखिरकार 1989 में आखिरी बार लाल किले की सीढ़ियां चलते हुए उनके खिलाफ चुनावी माहौल बन चुका था. उनके पास सिर्फ वादों के अलावा कुछ भी नहीं बचा था. इसके बाद चुनाव में राजीव की सत्ता उनके हाथ से निकल गई.

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Published at : 12 Aug 2021 02:44 PM (IST) Tags: Rajiv Gandhi Prachir Rajiv Gandhi speech Rajiv Gandhi independence day speech हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

उत्तर प्रदेश की पुलिस मित्र : सामुदायिक पुलिसिंग या "सलवा जुडुम"?

बेगम पुरवा निवासियों ने बताया कि 20 दिसंबर 2019 से पहले कभी भी स्थानीय लोगों के खिलाफ कार्रवाई में एसपीओ की तैनाती नहीं देखी.

बेगम पुरवा निवासियों ने बताया कि 20 दिसंबर 2019 से पहले कभी भी स्थानीय लोगों के खिलाफ कार्रवाई में एसपीओ की तैनाती नहीं देखी.

20 दिसंबर 2019 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर में नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध के दौरान 12 लोगों को गोली मार दी. गोली लगने से घायल तीन लोगों की बाद में एक अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की पिटाई भी की, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की और किशोरों को हिरासत में लिया. पुलिस की कार्रवाई के वक्त सादे कपड़ों में कई लोग उसके साथ मौजूद थे. स्थानीय निवासियों ने मुझे बताया कि लोग उनके घरों में घुस गए, उनके वाहनों को जला दिया और उनके साथ मारपीट की. राज्य के मेरठ, मुजफ्फरनगर, सम्भल और बिजनौर जिलों में इसी तरह की घटनाएं हुईं.

बाद में, बिजनौर के पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने मेरे साथ एक बातचीत में माना कि गैर-वर्दीधारी लोगों ने 20 दिसंबर 2019 को बिजनौर जिले में पुलिस का साथ दिया था. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि ये लोग प्रदर्शनकारियों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल थे. उन्होंने कहा कि ये गैर-वर्दीधारी लोग पुलिस के "मित्र" थे. "ये विशेष पुलिस अधिकारी हैं. सभी समुदायों के लोगों को पुलिस मित्र बनाया जाता है. उनका काम पुलिस की सहायता करना है. पुलिस कानून इसकी अनुमति देता है. यह अवैध नहीं है." उन्होंने बताया कि "कई मौकों पर इन्होंने हमारी मदद की है. कानून और व्यवस्था यहां इसीलिए बनी हुई है क्योंकि पुलिस मित्र ने यहां वास्तविक मदद की. वे पुलिस के साथ काम करते हैं.” बिजनौर को छोड़कर राज्य पुलिस ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गैर-वर्दीधारी लोगों की तैनाती की बात स्वीकार नहीं की है.

उत्तर प्रदेश में पुलिस मुझे दलाल का उपयोग क्यों करना चाहिए? मित्र को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और पुलिस मुखबीर. नागरिकों को “सामुदायिक पुलिसिंग” पहल के तहत पुलिस बल की सहायता के लिए भर्ती किया जाता है. हालांकि, ये लोग अपने समुदाय के सदस्यों की ही मुखबिरी करते हैं और एक समुदाय के लोगों को दूसरे के खिलाफ करने और दोनों के बीच आपस में संदेह और डर पैदा करने के एक उपकरण के रूप में काम करते हैं. विद्रोहियों का समर्थन करने वाले संदिग्ध समुदायों की जानकारी जुटाने में पुलिस की सहायता के लिए एसपीओ का परंपरागत रूप से अशांत क्षेत्रों में उपयोग किया जाता रहा है. एसपीओ की भर्ती उन समुदायों के भीतर से की जाती है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अपने समुदाय के सदस्यों के कार्यों के बारे में पुलिस को सतर्क करते रहेंगे.

उत्तर प्रदेश में पुलिस की बर्बरता के बाद, मैंने राज्य में पुलिस मित्र की खुफिया दुनिया को समझने की कोशिश की. मेरी मुलाकात कानपुर के मुस्लिम बहुल इलाके बेगम पुरवा में रहने वाले साहब अख्तर से हुई. चालीस साल के अख्तर अपने भूरे रंग के चमड़े के जैकेट और चुन्नटदार ट्राउजर्स में, ईमानदार पुलिसवाले की तरह दिखते हैं. वह पुलिसवाले नहीं हैं. अख्तर की एक परचून की दुकान है. वह अपना अधिकांश समय स्थानीय लोगों से बात करते हुए बिताते हैं और उनका सहायक दुकान संभालता है.

अख्तर ने मुझे बताया कि गैर-वर्दीधारी स्थानीय लोग ही थे, जिन्हें विशेष पुलिस अधिकारी के बतौर नियुक्त किया गया था. पुलिस की भाषा में इन्हें पुलिस मित्र कहा जाता है. वह 2017 तक खुद एक एसपीओ थे. उन्होंने मुझे बताया कि एसपीओ स्थानीय पुलिस को नियमित रूप से जानकारी देते हैं. हालांकि, बेगम पुरवा निवासियों ने बताया कि 20 दिसंबर 2019 तक स्थानीय लोगों पर कार्रवाई के लिए एसपीओ की तैनाती नहीं देखी थी. निवासियों ने उन्हें दुत्कारा और उन्हें मुखबीर कहा, लेकिन उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि वे अपने ही समुदाय के खुलेआम उत्पीड़न में पुलिस का साथ देंगे.

आपको डॉगकोइन में निवेश क्यों करना चाहिए?

बहुत से लोगों ने इंटरनेट की दुनिया में नवीनतम सनक के बारे में सुना है, “पिल्ला पंप” – जो तब होता है जब नौसिखिए निवेशक बाजार में थोड़ी मात्रा में पैसे भरते हैं जो रातों-रात मूल्य में तेजी से बढ़ता है। लेकिन डॉगकोइन क्या है? और क्या आप इसमें निवेश करेंगे?

संक्षिप्त उत्तर: यह निर्भर करता है! क्रिप्टोक्यूरेंसी की दुनिया में डॉगकोइन एक रोमांचक नई अवधारणा है और मुद्रा आंदोलन जो इसका प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, सवाल यह है कि – आपको डॉगकोइन में कितना निवेश करना चाहिए?

आपको डॉगकोइन में निवेश क्यों करना चाहिए?

टेबल पर डॉजकोइन क्रिप्टोक्यूरेंसी – सौजन्य पिक्साबे

ऐसा कोई भी निर्णायक क्षण नहीं है जिसमें आपको यह तय करना चाहिए कि डॉगकोइन में निवेश करना है या नहीं। हर दिन एक नया दिन है, और हर साल एक नया साल है। हालाँकि, आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि आपका डॉगकोइन वॉलेट कितना संभाल सकता है। इसका मतलब यह है कि आप हर महीने औसतन कितना डॉगकोइन खर्च करेंगे। यह क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में भविष्य के किसी भी बदलाव को ध्यान में नहीं रखता है, लेकिन केवल सिक्के के वर्तमान और वर्तमान मूल्य पर ही ध्यान केंद्रित करता है।

किसी विशेष मुद्रा में निवेश करने लायक कैसे निर्धारित करें?

ऐसा करने के लिए, आपको यह देखना होगा कि यह वर्तमान में क्या लायक है। यह एक कारण है कि क्रिप्टोस्फीयर के सभी पहलुओं पर खुद को शिक्षित करना इतना महत्वपूर्ण क्यों है। आपको विभिन्न क्रिप्टोसर्फ़ से परिचित होना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि कौन से अधिक स्थिर हैं और कौन सा एक निश्चित समय सीमा में मूल्य में पर्याप्त वृद्धि दिखाने की अधिक संभावना है। कारकों की यह सूची बहुत लंबी हो सकती है और सूची तब और भी लंबी हो जाती है जब आप विनिमय के माध्यम के रूप में डॉगकेन्स के उपयोग के बारे में बात करना शुरू करते हैं।

जब वे किसी विशेष मुद्रा में निवेश करना चाहते हैं या नहीं, इस पर विचार करते समय बहुत से लोग भूल जाते हैं, तो उनमें से एक क्रिप्टोकुरेंसी की लोकप्रियता है। यह देखना आसान है कि क्यों बहुत से लोग डॉगकेन को शुरू करने के लिए एक अच्छी जगह के रूप में पाते हैं। मेमे सिक्का पूरे इंटरनेट पर लोकप्रिय हो गया है, और इसके परिणामस्वरूप डॉगकैन भी अधिक मूल्यवान हो गया है। यहां तक ​​​​कि इस विशेष क्रिप्टोकुरेंसी के प्रचार के लिए समर्पित एक वेबसाइट भी है और यह मेमे सिक्के के मूल्य में वृद्धि के रूप में आगंतुकों की लगातार वृद्धि दिखाती है। यदि आपके पास संभावित निवेश पर खर्च करने के लिए कुछ हज़ार रुपये उपलब्ध हैं, तो मेमे मुद्रा आपके प्रश्न का उत्तर हो सकती है।क्या आपको डॉगकॉइन में निवेश मुझे दलाल का उपयोग क्यों करना चाहिए? करना चाहिए?”

क्या क्रिप्टोक्यूरेंसी के संस्थापकों ने कभी अपनी मुद्रा को निवेश वाहन के रूप में इस्तेमाल करने का इरादा किया था?

अधिकांश, यदि सभी नहीं, तो अगर रचनाकारों ने सोचा कि यह बाजार में आने और समुदाय द्वारा संचालित एक स्वस्थ संबंध बनाना शुरू करने का एक शानदार तरीका होगा क्योंकि यह उस तरह से स्थापित किया गया था। संस्थापकों को कभी भी संस्थागत गोद नहीं मुझे दलाल का उपयोग क्यों करना चाहिए? मिला, इसलिए क्रिप्टोकुरेंसी को आम जनता द्वारा समान निवेश विकल्प के रूप में स्वीकार करने के लिए, इसे समुदाय-संचालित होने की आवश्यकता है। परियोजनाओं की नींव में डेवलपर्स अक्सर अपनी परियोजनाओं से मुनाफे का हिस्सा देते हैं, जो हर किसी को इस चिंता के बिना नेटवर्क का उपयोग करने की अनुमति देता है कि डेवलपर ने एक डॉगकोइन की बिक्री से एक यूएसडी के लिए एक बड़ा लाभ कमाया।

यह हमें अंतिम कारण पर ले आता है कि आपको डॉगकोइन में निवेश करना चाहिए: क्योंकि यह काम करता है। डोगेकोइन समुदाय संचालित परियोजनाएं नेटवर्क को विकसित करने और सुचारू रूप से काम करने के लिए बहुत मेहनत कर रही हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत मेहनत की है कि नेटवर्क बिना डाउनटाइम के सुचारू रूप से चलता है, और यह कि नेटवर्क उपयोगकर्ता के अनुकूल और उपयोग में आसान है। यह एक कारण रहा है कि कोई संस्थागत गोद लेने के बावजूद कुत्ते के सिक्के मूल्य में वृद्धि जारी रखते हैं।

भविष्य हमेशा अनिश्चित होता है, खासकर डॉजकोइन के लिए। हालाँकि आज जो इंटरनेट है उसे Meme बनाने के लिए Dogecoin समुदाय ने बहुत मेहनत की है। अगर डॉगकॉइनर्स इंटरनेट पर प्रोजेक्ट के लिए कोड डालने का फैसला करते हैं और सभी को इसका इस्तेमाल करने देते हैं तो इंटरनेट एक शक्तिशाली पैसा बनाने के उपकरण में बदल जाएगा। डॉगकॉइनर तस्वीर में कुछ रचनात्मक मूल्य डाल सकता है और परियोजना को जारी रखने में मदद कर सकता है, जबकि रास्ते में लाभ भी कमा सकता है। इस तरह से डॉगकोइन समय की कसौटी पर खरा उतर सकता है और एक लाभदायक इंटरनेट मुद्रा में विकसित हो सकता है।

आदेश प्रवाह के लिए भुगतान

ऑर्डर फ्लो के लिए भुगतान (पीएफओएफ) मुआवजे को संदर्भित करता है, जितना कि प्रति शेयर 1 पैसा, जो एक स्टॉक ब्रोकर को अपने ग्राहकों के ट्रेडों को ऐसे मार्केट मेकर को रूट करने के बदले में एक मार्केट मेकर से प्राप्त होता है । [१] यह एक विवादास्पद प्रथा है जिसे " किकबैक " कहा गया है । [2]

सामान्य तौर पर, बाजार निर्माता , जिनमें से सबसे बड़ा सिटाडेल एलएलसी है , छोटे खुदरा आदेशों को पूरा करने के अधिकार के लिए दलालों को भुगतान करने को तैयार हैं। मार्केट मेकर बिड-आस्क स्प्रेड से लाभ कमाता है और इस लाभ के एक हिस्से को पीएफओएफ के रूप में रूटिंग ब्रोकर को छूट देता है। प्रति शेयर एक पैसा का एक और अंश उपभोक्ता को मूल्य सुधार के रूप में वापस भेजा जा सकता है । [3] [4] संयुक्त राज्य अमेरिका में दलाल है कि आदेश प्रवाह के लिए भुगतान स्वीकार शामिल Robinhood , ई-व्यापार , सहयोगी वित्तीय , Webull , TradeStation , मोहरा समूह , चार्ल्स श्वाब निगम, और टीडी अमेरिट्रेड , जबकि ब्रोकर जो ऑर्डर फ्लो के लिए भुगतान प्राप्त नहीं करते हैं , उनमें इंटरएक्टिव ब्रोकर्स (प्रो अकाउंट्स पर कमीशन लिया जाता है), मेरिल एज और फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स शामिल हैं । [५]

संयुक्त राज्य में, पीएफओएफ को स्वीकार करने की अनुमति केवल तभी दी जाती है जब कोई अन्य एक्सचेंज राष्ट्रीय बाजार प्रणाली पर बेहतर कीमत का उद्धरण नहीं दे रहा हो । ब्रोकर को क्लाइंट को यह बताना होगा कि वह पीएफओएफ स्वीकार करता है। लेन-देन को सर्वोत्तम निष्पादन पर निष्पादित किया जाना चाहिए , जिसका अर्थ सर्वोत्तम मूल्य उपलब्ध या सबसे तेज़ निष्पादन उपलब्ध हो सकता है। [1]

कनाडा में PFOF की अनुमति नहीं है [3] और इसलिए कनाडा के दलाल कमीशन लेते हैं । [६] यह यूनाइटेड किंगडम में भी प्रतिबंधित है । [3] [7]

पीएफओएफ का नेतृत्व बर्नी मैडॉफ ने किया था , हालांकि यह मैडॉफ निवेश घोटाले में एक कारक नहीं था । 2000 के एक साक्षात्कार में, उन्होंने इसे बाजार निर्माताओं के लिए ऑर्डर को पूरा करने के लिए आउटसोर्स करने का एक तरीका बताया , और इसकी तुलना खुदरा व्यवस्था से की जिसमें एक आपूर्तिकर्ता रैक के लिए भुगतान करता है जिस पर उसके उत्पाद प्रदर्शित होते हैं।

"कोई भी फर्म को यह नहीं बताता कि वे विज्ञापन कैसे कर सकते हैं। अगर मैं ऑर्डर फ्लो उत्पन्न करने के लिए सेल्समैन को काम पर रखना चाहता हूं, तो कोई भी आपत्ति नहीं करेगा। मेरे पास नहीं है। इसलिए अगर मैं फिडेलिटी के सेल्समैन का उपयोग करना चाहता हूं और कुछ का भुगतान करना चाहता हूं छूट के रूप में मेरा व्यापार लाभ, मुझे इसे करने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए? इसे इस रिश्वत और किकबैक और कुछ भयावह के रूप में चित्रित किया गया था, जो करना बहुत आसान था। लेकिन अगर आपकी प्रेमिका एक पर स्टॉकिंग्स खरीदने जाती है सुपरमार्केट, रैक जो उन स्टॉकिंग्स को प्रदर्शित करते हैं, आमतौर पर स्टॉकिंग्स का निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा भुगतान किया जाता है। ऑर्डर फ्लो एक ऐसा मुद्दा है जिसने बहुत ध्यान आकर्षित किया है लेकिन अत्यधिक ओवररेटेड है।"
-बर्नी मैडॉफ़ [2]

अमेरिका में, जब शेयरों ने डॉलर की वृद्धि के 1/8 में कारोबार किया, तो ऑर्डर फ्लो के लिए भुगतान टिक आकार के एक प्रतिशत तक गिरने के बाद होने वाले भुगतान से बहुत बड़ा था । [४]

2014 में, कार्ल लेविन के नेतृत्व में जांच पर संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट होमलैंड सुरक्षा स्थायी उपसमिति ने पीएफओएफ में निहित हितों के टकराव पर केंद्रित सुनवाई की। [८] सुनवाई के दौरान, टीडी अमेरिट्रेड के एक कार्यकारी ने कहा कि वह जहां भी उच्चतम भुगतान प्राप्त कर सकता है, वहां ऑर्डर भेजता है । [९]

अपनी 2014 की किताब, फ्लैश बॉयज़ में , माइकल लुईस ने पीएफओएफ को "निराला प्रोत्साहन" कहा। [४]

2020 में, टीडी अमेरिट्रेड , चार्ल्स श्वाब कॉर्पोरेशन , ई-ट्रेड और रॉबिनहुड द्वारा प्राप्त पीएफओएफ कुल $2.5 बिलियन था। [10]

2021 में, GameStop शॉर्ट निचोड़ के बाद , अधिकारियों ने फिर से सवाल किया कि क्या खुदरा व्यापारियों को उनके ऑर्डर पर सर्वोत्तम संभव मूल्य मिल रहे थे। [1 1]

हितों का टकराव

आदेश प्रवाह के लिए भुगतान को हितों के टकराव के रूप में वर्णित किया गया है । [१२] पीएफओएफ उन आदेशों का कारण बन सकता है जो निष्पादन योग्य नहीं हैं क्योंकि उन्हें बाजार निर्माताओं को भेजा जाता है जो उच्चतम राशि का भुगतान करते हैं। खुदरा व्यापारियों के पास आमतौर पर संस्थानों ( प्रतिकूल चयन ) की तुलना में कम जानकारी होती है । [13]

कम कमीशन और शुल्क, कीमत में सुधार

चूंकि रिटेल ऑर्डर में मार्केट मेकर के लिए प्रतिकूल चयन की संभावना कम होती है , इसलिए वे मार्केट मेकर के लिए अधिक लाभदायक होते हैं। ये बचत आंशिक रूप से ब्रोकर को पीएफओएफ के रूप में, लेकिन खुदरा ग्राहक को मूल्य सुधार के रूप में दी जाती है : बाजार निर्माता अक्सर सार्वजनिक एक्सचेंजों पर उपलब्ध सर्वोत्तम मूल्य की तुलना में बेहतर कीमत पर खुदरा ऑर्डर भरते हैं। दलालों के लिए अतिरिक्त राजस्व उन्हें न्यूनतम कमीशन लेने की अनुमति देता है । [१४] संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिकांश ब्रोकरेज कमीशन को समाप्त करने में पीएफओएफ एक महत्वपूर्ण कारक था। [15]

बाजार में तरलता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि

मैडॉफ ने दावा किया कि पीएफओएफ बाजार की तरलता बढ़ाता है और इस प्रकार बोली-पूछने के प्रसार को कम करता है । [११] उन्होंने यह भी दावा किया कि न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज से ऑर्डर को रूट करने से , पीएफओएफ ने प्रतिस्पर्धा बढ़ा दी। [16]

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